यह पूछे जाने पर कि मंदिर में महिलाओं को प्रवेश नहीं देना क्या मानवाधिकार का उल्लंघन है? हक ने सीधा जवाब नहीं देते हुए कहा, “हम सभी को देश के काननू का सम्मान करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।” सर्वोच्च न्यायालय ने सितंबर 2018 में 10 से लेकर 50 वर्ष की महिलाओं के भगवान अयप्पा के मंदिर में प्रवेश करने पर लगी रोक हटा दी थी। बता दें कि केरल में सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर इन दिनों हंगामा मचा हुआ है।
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