बिडेन का जन्म पेंसिलवेनिया में 1942 में हुआ था। जब वे बच्चे थे तभी उन्हें डेलावेयर ले आया गया था। बिडेन राष्ट्रपति बनने वाले सबसे अधिक उम्र के व्यक्ति हैं। उन्होंने पिछले साल नबंवर में अपना 78वां जन्मदिन मनाया है। बिडेन महज 29 साल की आयु में ही सीनेट सदस्य बन गए थे। वे तीसरी बार राष्ट्रपति का चुनाव लड़े और इस बार जीत हासिल की।
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कमला हैरिस की बात करें तो उनका भारत के साथ बहुत ही गहरा संबंध है। 1964 में ऑकलैंड में जन्मीं कमला हैरिस की मां श्यामला गोपालन हैरिस चेन्नई की रहने वाली थीं, जबकि उनके पिता डोनाल्ड हैरिस जमैका के रहने वाले थे।
शपथ ग्रहण का समय
जानकारी के मुताबिक, जो बिडेन सुबह के 11:30 बजे ( भारतीय समयानुसार रात के 10 बजे ) शपथ लेंगे। जबकि दोपहर 12 बजे के आस-पास कमला हैरिस भी शपथ लेंगी। शपथ के बाद बिडेन सीधे व्हाइट हाउस (राष्ट्रपति भवन) जाएंगे, जो कि अगले चार वर्षों के लिए उनका आवास होगा।
अमरीकी संविधान के मुताबिक, जो बिडेन ‘मैं पूरी निष्ठा से यह शपथ लेता हूं कि अपनी पूरी ईमानदारी से अमरीका के राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी निभाऊंगा.. मैं अपनी पूरी क्षमता के साथ अमरीका के संविधान का संरक्षण, सुरक्षा और बचाव करूंगा..’ कहते हुए शपथ लेंगे।
शपथ ग्रहण में डोनाल्ड ट्रंप नहीं होंगे शामिल
आपको बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप जो बिडेन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे। पिछले दिनों ही ट्रंप ने एक ट्वीट के जरिए ये स्पष्ट कर दिया था कि वे समारोह में शिरकत नहीं करेंगे। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था कि जो लोग ये बार-बार पूछ रहे हैं कि मैं शपथ ग्रहण समारोह में जाऊंगा या नहीं, तो उन्हें बता दूं कि 20 तारीख को होने वाले इनॉगरेशन में मैं नहीं आऊंगा।
मालूम हो कि ट्रंप इकलौते ऐसे शख्स नहीं हैं जो पद छोड़ने के बाद नए राष्ट्रपति के शपथ समारोह में शिरकत नहीं करेंगे। इससे पहले अमरीका के तीन राष्ट्रपति ऐसा कर चुके हैं। इनमें जॉन एडम्स, जॉन क्विंसी और एंड्रयू जॉनसन का नाम शामिल है जो अपने उत्तराधिकारी के इनॉगरेशन में शामिल नहीं हुए थे। हालांकि पिछले 100 वर्षों में किसी भी राष्ट्रपति ने ऐसा नहीं किया था। यह पहला अवसर है जब ट्रंप अपने उत्तराधिकारी के शपथ समारोह से खुद को अलग रखेंगे। शपथ के दौरान उपराष्ट्रपति माइक पेंस मौजूद रहेंगे।
मालूम हो कि अमरीका में एक परंपरा है कि राष्ट्रपति से पहले उपराष्ट्रपति को शपथ दिलाई जाती है। कमला हैरिस को सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति सोनिया सोटोमायोर शपथ दिलाएंगी। यह कार्यक्रम कई मायनों में ऐतिहासिक होगा, क्योंकि यह पहला अवसर होगा जब पहली अश्वेत और दक्षिण एशियाई महिला उपराष्ट्रपति को शपथ दिलाने वाली सोटोमायोर पहली लातिन अमरीकी न्यायमूर्ति होंगी। शपथ ग्रहण में दो बाइबल का उपयोग किया जाएगा। इनमें से एक उच्चतम न्यायालय के पहले अश्वेत न्यायमूर्ति थरगुड मार्शल की होगी।