ट्रंप ने इस समझौते को समाप्त करने के घोषणा करते हुए कहा कि, “हम समझौते को समाप्त करने और इससे बाहर निकलने जा रहे हैं। हमें अपने उन हथियारों फिर से को विकसित करना होगा।” ट्रंप ने दावा किया कि रूस संधि का उल्लंघन कर रहा है और उसने इस समझौते का पालन नहीं किया है। बता दें कि 1987 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और सोवियत संघ के अध्यक्ष मिखाइल गोर्बाचेव के बीच बहुचर्चित आईएनएफ पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसी समझौते के तहत अमरीका को को प्रशांत क्षेत्र में हथियार जमा करने के चीनी प्रयासों का सामना करने की अनुमति मिलती है। हालांकि यह समझौता वाशिंगटन को नए हथियारों को तैनात करने से रोकता है।
ट्रंप प्रशासन के परमाणु रणनीति दस्तावेज में स्पष्ट रूप से यह कहा गया है कि आईएनएफ संधि और अन्य प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन करने का रूस का निर्णय इस तथ्य का एक स्पष्ट संकेत था कि रूस ने कभी अमरीका और इस संधि से जुड़े अन्य पक्षों की परवाह नहीं की है। बता दें कि अमरीका ने यह संधि उस समय खत्म करने की घोषणा की है जब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन शीर्ष रूसी अधिकारियों से मिलने के लिए एक हफ्ते बाद मॉस्को की यात्रा पर जाने वाले हैं।
अमरीका नए कहा कि हमें उन नए हथियारों को विकसित करना होगा। ट्रंप नए इस बारे में बोलते हुए कहा कि रूस और चीन के साथ अमरीका को भी इन हथियारों के होड़ से दूर रहने की जरुरत है लेकिन लेकिन यदि रूस ऐसा नहीं कर रहा है और यदि चीन ऐसा नहीं कर रहा है और हम समझौते का एकतरफा पालन कर रहे हैं, यह अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि अमरीका इस समझौते का पालन नहीं करेगा जब तक कि अन्य इसका उल्लंघन कर रहे हों। ट्रंप ने आरोप लगाया कि उनके पूर्ववर्ती बराक ओबामा ने इस पर चुप्पी साध रखी थी।
आईएनएफ संधि शीत युद्ध के दौरान पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन द्वारा स्थापित की गई थी। इसने 500 से 5,500 किलोमीटर की दूरी की मिसाइलों पर प्रतिबंध लगा दिया। इस संधि के प्रावधानों के तहत दोनों देशों को अपने हथियारों के संख्या घटानी थी। संधि के बाद दोनों देशों ने हजारों संग्रहित हथियारों का विनाश किया। अब समापन की घोषणा के बाद अमरीकी कांग्रेस द्वारा अधिनियमित होने पर इस संधि से वापसी में छह महीने लगेंगे।