प्रतिबंधित होना चाहिए मसूद
अमरीका विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीदर नोर्ट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम यह मानते हैं कि मसूद अजहर एक बुरा आदमी है। उसे अंतराष्ट्रीय आतंकी की सूची में शामिल किया जाना चाहिए। नोर्ट ने कहा कि मसूद को प्रतिबंधित सूची में शामिल करने वाली समीति से बातचीत हो रही है।
पाकिस्तान में रहकर दुनिया में आतंक फैलाने वाले मसूद अजहर को लंबे समय से अंतराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने की मांग उठ रही है। पिछले हफ्ते ही संयुक्त राष्ट्र की इस कोशिश में चीन ने अड़ंगा डाला जिसपर अमरीका ने यह बात कहगी है। उसे अंतराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव को अमरीका, फ्रांस औ ब्रिटेन का समर्थन हासिल था लेकिन चीन ने इस प्रस्ताव का विरोध किया।
चीन के पास है विटो पावर
संयुक्त राष्ट्र में वीटो पावर रखना वाले ने चीन ने कहा कि यूएनएससी समिति में आम सहमति ना होने की वजह से मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने का आवेदन खारिज हो गया।
ब्रिक्स से बयान से पलटा चीन
आतंकवाद पर चीन के इस दोहरे रवैये पर भारत ने कहा कि केवल चीन ही अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के पक्ष में नहीं है। अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी की सूची में डालने को लेकर भारत और चीन बीच लगातार तनातनी बनी हुई है, चीन ने हालांकि ब्रिक्स सम्मेलन में एक साझा बयान में अजहर के संगठन जैश-ए-मोहम्मद का नाम लेने पर सहमति जताई थी।
जनवरी में भी चीन ने किया था विटो का इस्तेमाल
यह दूसरी बार था जब चीन ने इस प्रस्ताव को वीटो किया है। इससे पहले उसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अल-कायदा प्रतिबंध समिति के समक्ष पिछले वर्ष मार्च में पहली बार भेजे गए भारतीय प्रस्ताव को खारिज (वीटो) कर दिया था। इस संबंध में फ्रांस और ब्रिटेन के समर्थन से अमेरिकी प्रस्ताव को भी चीन ने खारिज कर दिया था। पहले इसे जनवरी में बाधित किया गया और फिर इसपर अगस्त में तीन महीने की तकनीकी रोक लगा दी गई।
लाना होगा नया प्रस्ताव
मसूद अजहर को अंतराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने की संयुक्त राष्ट्र की कोशिश में खलल डालने के बाद अब यह प्रस्ताव खारिज हो चुका है। अब इस संबंध में नया प्रस्ताव लाना पड़ेगा। चीन यूएनएससी के 15 सदस्यों के बीच आम सहमति नहीं बनने और अजहर के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं होने का हवाला देकर इसे बार-बार खारिज कर रहा है। अजहर जनवरी 2016 में भारत में सैन्य शिविर पर हुए हमले का मुख्य साजिशकर्ता है।