केंद्रीय श्रम संगठनों और औद्योगिक स्टेशनों कर्मचारी संगठनों के आह्वान पर देशव्यापी भारत बंद और आम हड़ताल का शुरू किया गया है। जिसके क्रम में अमेठी जनपद के कस्बा स्थित प्रधान डाकघर सहित 50 उप डाकघरों एवं विभिन्न बैंकों के कर्मचारी अपनी 24 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर है। केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों एवं उनकी लंबित मांगों के प्रति घोर उदासीनता के विरोध में एक दिवसीय हड़ताल की गई है। अपने कार्यालय में सुबह से इन कर्मचारियों ने ताला जड़कर बैनर लेकर अपनी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार से मांग कर रहे हैं। यह सभी अपनी 24 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर है जिसमें इनकी प्रमुख मांगे हैं कि कमलेश चंद्र समिति की सभी सकारात्मक सिफारिशें लागू करने की बात कह रहे हैं।
इसी के साथ सभी वर्गों में रिक्त पद अभिलंब भरने तथा न्यू पेंशन स्कीम को वापस लेने के साथ अंतिम वेतन के 50 प्रतिशत पेंशन देने की बात कर रहे हैं। ग्रामीण डाक सेवकों की मेंबरशिप सत्यापन व 2015 से किए गए सत्यापन का प्रकाशन करने, इसी के साथ सातवें वेतन आयोग के अवशेष वादों को पूरा करने की बात संगठनों द्वारा की जा रही है। डाक सेवाओं का निजी करण निगम ई करण वाइन के लिए आउटसोर्सिंग बंद करने की भी बात इनकी मांगों में प्रमुख है। दाता रेल सेवाओं में 5 दिनों का सप्ताह लागू करने की बात कही जा रही है। इसी के साथ पोस्टमैन कैडर को एक जनवरी 1995 से अपग्रेडेड स्केल दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को अविलंब लागू करने की भी मांग है।
हड़ताल के संबंध में जब प्रांतीय सचिव सीबी तिवारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पूरे देश में सरकार द्वारा कर्मचारी विरोधी नीतियों के विरोध में स्ट्राइक की जा रही है, इसमें मुख्य मांगें पुरानी पेंशन को लागू करने की हैं। इसी के साथ जीडीएस को विभागीय करण करने की भी बात कही जा रही है। जीडीएस के लिए 12, 24, 36 का प्रमोशन नहीं दिया गया है। इसलिए हम लोगों की मांग है कि इसको लागू किया जाए हमारे चार्टर आफ डिमांड में तमाम सारी मांगे हैं। इसको लेकर के आज 1 दिन की सांकेतिक हड़ताल पर हम लोग हैं इससे अगर सरकार की कानों में जूं नहीं रेंगी तो अगली रणनीति तय की जाएगी। इसके विषय में हमारे नेतागण जो दिल्ली में बैठे हैं वह अगली डेट घोषित करेंगे तो हम लोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जाने के लिए तैयार है।