बस्सी

बाजरे की बम्पर पैदावार के बाद भी कृषि मंडी में आवक कम, पल्लेदारों की रोजी-रोटी पर संकट

बस्सी कृषि मंडी: राजस्व में कमी, मंडी प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान, व्यापारियों ने दी मंडी बंद करने की चेतावनी

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Sep 30, 2025
बस्सी कृषि मंडी: बम्पर पैदावार के बावजूद आवक कम

खरीफ के सीजन में बाजरे की बम्पर पैदावार होने के बावजूद बस्सी कृषि उपज मण्डी में आवक पिछले वर्षों के मुकाबले काफी कम है। व्यापारियों का कहना है कि मण्डी से बाहर अनाधिकृत खरीद केंद्र खुलने के कारण किसान अपनी फसल वहीं बेच रहे हैं, जिससे मण्डी का कारोबार प्रभावित हो रहा है और टैक्स की चपत भी लग रही है। मण्डी व्यापारियों ने बताया कि मण्डी के समीप कई वर्षों से एक अनाधिकृत खरीद केंद्र संचालित था। अब उसी व्यापारी ने जमवारामगढ़ इलाके के छापर गांव में भी नया केंद्र खोल दिया है। इस वजह से किसान अपनी उपज बस्सी मण्डी लाने की बजाय वहीं बेच रहे हैं। अनाधिकृत खरीद केंद्रों के कारण बाजरे की मण्डी में आवक घट रही है, व्यापारियों का कारोबार प्रभावित हो रहा है और पल्लेदारों की रोजी-रोटी खतरे में है। व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन कार्रवाई नहीं करता है तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।

पल्लेदारों के रोजगार पर संकट
किसी भी कृषि उपज मण्डी का संचालन तभी सुचारू रूप से होता है जब सीजन में जिंसों की पर्याप्त आवक हो। पिछले साल तक बाजरे की अच्छी आवक होने से व्यापारी और पल्लेदार दोनों संतुष्ट थे, लेकिन इस बार मण्डी में आवक कम होने से व्यापारियों का लाभ घटा और पल्लेदारों के रोजगार पर संकट पैदा हो गया। परिवारों की रोजी-रोटी भी खतरे में है।

आवक में भारी गिरावट
आम तौर पर इस सीजन में मण्डी में 8-10 हजार बोरी बाजरे की आवक होती थी, लेकिन इस बार सिर्फ 3-3.5 हजार बोरी ही आ रही है। मण्डी में जितना माल आएगा, उतना ही लाभ होगा, लेकिन आवक कम होने से मण्डी कार्यालय, व्यापारी और पल्लेदार तीनों को नुकसान हो रहा है।

इनका कहना है…
बस्सी में जो मण्डी के बाहर खरीद केन्द्र चल रहा है , उसने पहले सही सीधा खरीद का अनुज्ञापत्र ले रखा है। छापर गांव में खरीद केन्द्र चालू होने की मण्डी व्यापारियों ने शिकायत की थी। इसकी जानकारी करवाई है और मण्डी क्षेत्र सूरजपोल मण्डी होने से वहां पर सूचना दे दी है।
-सुभाष महावर, सचिव कृषि उपज मण्डी बस्सी

शहर में तूंगा रोड पर पहले से ही एक अनाधिकृत खरीद केन्द्र चल रहा है, इससे मण्डी प्रशासन को तो पहले से ही टैक्स नुकसान हो रहा है। व्यापारियों एवं पल्लेदारों को भी हानि हो रही है। इसमें मण्डी प्रशासन की मिलीभगत की आशंका है।
-विनय डंगायच, मण्डी व्यापारी

Published on:
30 Sept 2025 08:40 pm
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