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मोबाइल यूनिट होते हुए भी नहीं हो रहा इलाज, पशु बीमार हो तो एक कॉल पर चिकित्सा वाहन आपके द्वार

पशु चिकित्सा आपके द्वार योजना: 1962 पर कॉल करने पर नि:शुल्क मिलती है सुविधा, प्रचार के बिना योजना का नहीं मिल रहा लाभ

3 min read
Jul 06, 2025
1962 पर कॉल करने पर नि:शुल्क मिलती है सुविधा

ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात सुविधा और पशु चिकित्सा के अभाव को देखते हुए पशु पालन विभाग ने मोबाइल वेटरनरी यूनिट सेवा शुरू की थी, लेकिन प्रचार प्रसार के अभाव में पशुपालक इसके लाभ से वंचित हैं। बीमार पशु की जानकारी मोबाइल यूनिट तक पहुंचाने के लिए पशुपालकों को कॉल सेन्टर पर फोन करना पड़ता है, लेकिन कई पशुपालक ऐसे भी है जिनके पास मोबाइल फोन नहीं है। वहीं जागरूकता की कमी से भी पशुपालक इस योजना के लाभ से वंचित हैं। मोबाइल वाहन यूनिट को प्रतिदिन 10 से 15 पशुओं का इलाज करना होता है, लेकिन पशुपालकों के 5 से 7 ही कॉल आ रहे हैं।

यह है योजना, नि:शुल्क मिलता है उपचार
एक लाख पशुधन पर एक मोबाइल यूनिट स्वीकृत है। जिले में 7 लाख से अधिक पशुधन है। उस अनुसार जिले में मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों का संचालन हो रहा है। इस योजना में भारत सरकार की 60 प्रतिशत व राज्य सरकार की 40 प्रतिशत सहभागिता है। यह याेजना 24 फरवरी 2024 को शुरू हुई थी। जिले के कोटपूतली, विराटनगर, पावटा, बानसूर, नीमराणा, बहरोड़ में अलग-अलग वाहन यूनिट है। इन वाहन यूनिटों में एक पशु चिकित्सक, कम्पाउंडर और ड्राइवर सहित तीन लोगों का स्टाफ रहता है। 1962 पर कॉल आने पर वाहन तत्काल बताए गए स्थान पर पहुंचेगा। जहां पशुओं का उपचार किया जाएगा। यह व्यवस्था नि:शुल्क है।

बीमारियों को अलग-अलग श्रेणी में बांटा
पशुओं की बीमारियों को विभाग ने अलग-अलग श्रेणी में बांट रखा है। जिस कारण पशुओं की बीमारी के स्तर को देखते हुए तय होता है कि कितने घंटे के भीतर बीमार पशु को देखना है। इसकी सूचना एसएमएस के जरिए पशुपालक को दी जाएगी। गाड़ी आउटसोर्स की जाएगी। किसी एक क्षेत्र से लगातार कॉल आने पर पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले पशु चिकित्सालय के चिकित्सक शिकायत देखेंगे।

जनवरी से शिविर लगाने किए प्रारंभ
योजना की शुरुआत गत वर्ष जनवरी में की गई थी। विभाग ने इस वर्ष 21 जनवरी से ड्यूल हाइब्रिड मोड़ की शुरुआत की। इसके तहत मोबाइल वेटरनरी यूनिट सुबह 9 बजे से 12 बजे तक अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर कैम्प लगाती है।

जिले में लाभान्वित पशुपालक
योजना के तहत अब तक हजारों पशुपालक लाभान्वित हो चुके हैं। जनवरी से जून 2024 तक, प्रत्येक माह में 4000 से अधिक पशुओं का इलाज किया गया। जैसे जनवरी 4362, फरवरी 4160, मार्च 4705, अप्रैल 4320, मई 4439 व जून में 4536 पशुओं का इलाज किया गया।

पशु चिकित्सा आपके द्वार योजना: 1962 पर कॉल करने पर नि:शुल्क मिलती है सुविधा

ऐसे काम करता है कॉल सेंटर
योजना का संचालन प्राइवेट कंपनी कर रही है। इसके तहत कंपनी ने ही इस कार्य के लिए कर्मचारियों को लगा रखा है। इसका कॉल सेंटर राजस्थान राज्य पशुधन प्रबंधन प्रशिक्षण संस्थान जयपुर में स्थापित है। पशुपालकों को पशु के बीमार होने पर हेल्पलाइन नंबर 1962 पर कॉल कर पशुपालक का नाम, ग्राम, पशु एवं रोग के लक्षण की जानकारी देनी होती है। कॉल सेंटर पर नियुक्त कार्मिक जानकारी को सिस्टम में दर्जकर पशु चिकित्सक की सलाह अनुसार टिकट जनरेट करता है। सूचना पशुपालक व संबंधित क्षेत्र की मोबाइल वेटरनरी यूनिट के चिकित्सक के मोबाइल पर एसएमएस से मिलती है। इसके बाद टीम घर पर पहुंच कर बीमार पशु का उपचार करती है।

इनका कहना है…
मोबाइल वाहन यूनिट सेवा के बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं। लगातार इसका प्रचार प्रसार किया जा रहा है। जिले के 6 ब्लॉकों में यह यूनिट कार्य कर रही है।
-डॉ.हरीश गुर्जर, उप निदेशक पशुपालन विभाग

Published on:
06 Jul 2025 05:06 pm
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