पाठकों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं हैं। प्रस्तुत है पाठकों की चुनिंदा प्रतिक्रियाएं
अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार जरूरी
सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक के लिए कपड़े या जूट के थैले, दोबारा इस्तेमाल होने वाली बोतलें और धातु या बांस के कटलरी अपनानी चाहिए। सरकार और समाज को मिलकर जागरूकता अभियान चलाने, प्रतिबंध लागू करने और रीसाइक्लिंग ढांचे को मजबूत करने की दिशा में काम करना चाहिए। - प्रकाश भगत, चांदपुरा, कुचामन सिटी
सिंगल यूज प्लास्टिक पर सख्त कार्रवाई हो
प्लास्टिक प्रदूषण से गंदगी फैल रही है। नगर परिषद और निगमों को निर्माण, भंडारण व वितरण पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से कपड़े के थैले बांटे जाएं और लोग स्वयं से प्लास्टिक का बहिष्कार करें। - योगेश स्वामी, सूरतगढ़
जागरूकता के साथ नवाचार भी जरूरी
सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर रोक के लिए लोगों को जूट के थैले अपनाने और बायोडिग्रेडेबल विकल्पों की ओर बढ़ने को प्रेरित किया जाए। “प्लास्टिक बैंक” जैसी योजनाएं व “नो प्लास्टिक सर्टिफिकेट” से दुकानों को प्रोत्साहन मिले तो बदलाव संभव है। - डॉ. दीपिका झंवर, जयपुर
प्लास्टिक-मुक्त भारत का संकल्प लें
एकल उपयोग प्लास्टिक पर्यावरण के लिए खतरा है। इसके उत्पादन पर प्रतिबंध लगे और जैविक पैकेजिंग को बढ़ावा मिले। समाज को कपड़े, धातु और कागज के विकल्प अपनाने चाहिए ताकि हम स्वच्छ और प्लास्टिक-मुक्त भारत बना सकें। - आदित्य शेखर, इंदौर