बिरषभान ने बताया कि उसकी पत्नी सुखपाल कौर पिछले कुछ साल से झगड़ा होने के बाद अलग रह रही है। सुखपाल कौर ने दो साल पूर्व पति को मृत दर्शा कर सरकार की ओर से मिलने वाला शगुन स्कीम अनुदान का लाभ लेने के लिए आवेदन कर दिया। इसकी जानकारी होने पर पति ने अधिकारियों को अपने जीवित होने का साक्ष्य प्रस्तुत किया तो अनुदान राशि रोक दी। पीडि़त ने मौड़ पुलिस को प्रार्थना पत्र देकर न्याय व धोखाधड़ी करने वाले साजिश में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई के सुरक्षा की मांग की।
इस बीच उसने मुझे मृत घोषित कर बेटी का विवाह करने के लिए शगुन स्कीम अनुदान के लिए आवेदन किया। आसपास के लोगों से इसकी जानकारी पति को मिली तो उसने इसका विरोध किया। इसके साथ ही उसने अपने जीवित होने का साक्ष्य भी पेश किया। पीडि़त ने आरोपियों के विरुद्ध जालसाजी का केस दर्ज कराने तथा बच्चों की सुरक्षा की गुहार की है। पुलिस ने मामले में कार्रवाई का आश्वासन देकर जैसे-तैसे बिरषभान को टंकी से उतारा।