क्या करते हैं तस्कर इस मामले का खुलासा कुछ साल पहले हुआ था, जब एक तस्कर हेरोइन के साथ पकड़ा गया था। अभी कुछ दिन पहले हेरोइन के साथ पकड़े गए एक तस्कर ने फिर यही बात बताई। पुलिस द्वारा पकड़े गए इस तस्कर ने बताया कि पाकिस्तान से आने वाली हेरोइन को तारबंदी के अंदर पहुंचाने के मकसद से तारबंदी के पास स्थित गांव के एक किसान से कुछ महीने पहले खेती के लिए तारबंदी के पार जमीन ठेके पर ली थी। दो एकड़ में हेरोइन तस्करी के लिए ही खेती करते, ताकि हेरोइन के पैकेट सामान में छिपाकर आसानी से तारबंदी के अंदर ले आएं।
कई गुना ऊंची बोली माना जाता है पहले जिस जमीन को खेती लायक नहीं समझा जाता था, अब जमीन सोना उगल रही है। उसे अब तस्कर खेती के नाम पर ठेके पर ले रहे हैं। यही नहीं सामान्य रेट से दुगनी कीमत पर। जो ठेका पहले 35 से 40 हजार रुपये प्रति एकड़ था, अब एक से डेढ़ लाख रुपये प्रति एकड़ दे रहे हैं। कभी-कभी यह रेट इससे भी कई गुना बढ़ जाता है।
डेढ़ दशक से हो रही तस्करी भारत-पाकिस्तान फिरोजपुर तरनतारन अटारी बार्डर रेंज में तारबंदी के पार जमीन से पिछले डेढ़ दशक से तस्करी होती आई है। कुछ साल पहले तीन किलो हेरोइन के साथ पकड़े गए गांव फत्तेवाला के मुख्तयार सिंह व गुरनाम सिंह ने पाकिस्तान से आने वाली हेरोइन को तारबंदी के अंदर पहुंचाने के मकसद से गांव के एक किसान से खेती के लिए तारबंदी के पार जमीन ठेके पर ली थी। दो एकड़ में हेरोइन तस्करी के लिए ही खेती करते, ताकि हेरोइन के पैकेट सामान में छिपाकर आसानी से तारबंदी के अंदर ले आए।
जबर्दस्त मुनाफा एक एकड़ जमीन में अगर ₹1 लाख रुपए की खेती होती है तो पाकिस्तानी तस्कर आठ लाख रुपये प्रति किलो के भाव में हेरोइन भारतीय तस्करों को देते हैं। भारतीय सीमा में हेरोइन छिपा देते हैं। बीएसएफ की तारबंदी के पार से हेरोइन लाने पर किसान को दो लाख रुपये प्रति किलो के हिसाब से दिए जाते हैं। पिछले 5 साल में कई किसानों के जरिए हेरोइन तस्करी के बड़े खुलासे हो चुके हैं। ये लोग खेती के कार्य में प्रयोग होने वाले औजारों को तस्करी के लिए प्रयोग करते हैं। आखिर पकड़े गए और खुलासा हुआ तो बीएसएफ भी चौकन्ना