प्रदर्शन किया प्रवासी श्रमिक बताते हैं किमोबाइल में मैसेज आता है कि तुम्हें यहां से लुधियाना, जालंधर के लिए बस लेकर जाएगी। वहां से तुम्हें श्रमिक स्पेशल ट्रेन में आगे भेजा जाएगा। जब मोबाइल पर बताई गई जगह पर प्रवासी पहुंचते हैं तो वहां जाने के बाद पता चलता है कि लुधियाना जालंधर से उनके गंतव्य तक जाने वाली ट्रेनें रद्द हो चुकी हैं। इसी मुद्दे को लेकर शुक्रवार को प्रवासियों ने अमृतसर के जंडियाला गुरु के पास जीटी रोड पर जाम लगाकर प्रशासन के खिलाफ खूब नारेबाजी की । इस नारेबाजी और जाम से प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। मौके पर पहुंचे जंडियाला गुरु के एसएचओ ने प्रवासियों को समझाया और उन्हें आश्वासन दिया कि वह सरकार से बात करके उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे। प्रवासी इसके बावजूद वहां से नहीं हटे और करीब 2 घंटे तक उन्होंने जाम लगाकर नारेबाजी की। इसके बाद सीनियर अधिकारियों के समझाने और उन्होंने रास्ता खोल दिया। जल्द से जल्द प्रशासन से उन्हें घर भिजवाने की मांग की।
श्रमिकों की पीड़ा इस मौके पर गोंडा के प्रवासी श्रमिक विजय कुमार ने कहा कि मैसेज आए 3 दिन हो गए। जब वह मैसेज में बताई गई जगह पर गए तो वहां जाकर पता लगा कि यहां उनका मेडिकल होना है। मेडिकल होने के बाद उन्हें यहां से बस जालंधर लेकर जाएगी और जालंधर से उन्हें श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन में बैठाया जाएगा। जब हम बस में चढ़ने लगे तो अधिकारिक सूचना आई कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन जो यूपी के लिए जाने वाली थी, वह कैंसिल हो गई है। इसी तरह रोज मैसेज आ रहे हैं। ट्रेन कैंसिल हो जा रही हैय़ कभी लुधियाना जाने के लिए कहा जा रहा है तो कभी जालंधर, मगर लेकर नहीं जाते। घर वापस भेज देते हैंय़ अब रहने का कोई ठिकाना नहीं, खाने की कोई व्यवस्था नहीं, किससे गुहार लगाएं। प्रशासन से बात करते हैं तो कहते हैं कि अभी व्यवस्था नहीं है। जहां जी करता है वहां जाकर रहो।
भगवान तुम्हारा भला करें झांसी के रहने वाले दिलीप कुमार ने यही बात कही। सुषमा रानी जौनपुर की रहने वाली हैं। उसने बताया कि उसके दो बच्चे हैं। एक 5 साल का और 3 साल का। उसके पति नहीं है। मैं अपने बच्चों के साथ जौनपुर जाना चाहती है। प्रशासन 3 दिन से नौटंकी कर रहा है। हम लोग 3 दिन से सड़क पर रहने को मजबूर हैं। व्यवस्था का बुरा हाल है। हमारी व्यवस्था करवा दो, भगवान तुम्हारा भला करें। घर जाने वाले प्रवासी रेल प्रशासन और राज्य सरकारों की खींचतान में फंस कर रह गए हैं।