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अनूपपुर

सरपंच और सचिव को मिली १० साल की सजा

दारसागर पंचायत में फर्जी चेक से राशि आहरण कर एक लाख रूपए की थी निकासी

अनूपपुरDec 07, 2017 / 04:44 pm

Shahdol online

10-year sentence awarded to Sarpanch and secretary

10-year sentence awarded to Sarpanch and secretary

कोतमा. भालूमाड़ा थाना क्षेत्र के दारसागर ग्राम पंचायत के शासकीय खातें में आवंटित एक लाख की राशियों को ग्रामीणों के नाम से फर्जी चेके के माध्यम से निकासी करने के मामले में कोतमा अपर सत्र न्यायाधीश शरद भामकर ने लम्बित प्रकरण ७७/२०१० में दोषी दारसागर पंचायत सचिव टेकराम तथा सरपंच धर्मसिंह गोंड को १०-१० वर्ष की सश्रम कारावास तथा अर्थदंड की सजा सुनाई है। लोक अभियोजक गणेश अग्रवाल के अनुसार घटना भालूमाड़ा थाना के दारसागर की है, जहां दारसागर ग्राम पंचायत के तत्कालीन सचिव टेकराम केवट तथा सरपंच धर्मसिंह गोंड ने ग्राम पंचायत सभा में प्रस्तावित योजनाओं के मद में आवंटित हुई राशियों से दोनों ने कूटरचित चेक के माध्यम से ग्रामीण अमोल सिंह, हीरालाल, सुपरित पनिका, सोहन सिंह एंव लखन सिंह के नाम २०-२० हजार रूपए के पांच चेक बनाकर सतपुड़ा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक से राशियां आहरित कर ली थी। इस सम्बंध में देवेन्द्र कुमार सेनी ने भालूमाड़ा थाना में शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिसमें थाने में दोनों आरोपियों पर मामला दर्ज कर विवेचना उपरांत प्रकरण को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। न्यायालय ने लोक अभियोजन पक्ष के दलीलों तथा साक्ष्यों को सुनने के उपरंात लोक अभियोजक गणेश अग्रवाल की तर्क पर दोनों आरोपियों को धारा 420 में 5 वर्ष, धारा 467 में 10 वर्ष, धारा 468 एंव 409 में 7-7 वर्ष की सश्रम कारावास सहित अर्थदंड से दंडित किया।
अगर देखा जाए तो ऐसी कई ग्राम पंचायतें हैं जहां पर सरपंच और सचिव ने मिलकर निर्माण कार्यों के साथ खिलवाड़ तो किया ही है, साथ ही ग्रामीणों के हितलाभों के साथ भी छेडख़ानी की गई है। जिनकी जांच होना बेहद आवश्यक है। आए दिन ग्रामीण किसी न किसी ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव की शिकायत लेकर अधिकारियों की दहलीज पर देखे जाते हैं। कहीं किसी पंचायत में पेंशन की शिकायत होती है तो वहीं किसी और पंचायत में पीएम आवास को लेकर अक्सर ग्रामीण शिकायत करते नजर आते हैं। इसके बावजूद बहुत से मामले ऐसे हैं जिनमें दोषियों के विरुद्ध जांच तक नहीं हो पाती है। सजा तो बहुत दूर की बात है। अगर पंचायत के इन कारिंदों पर सख्ती से नजर डाली जाए तो ऐसे कई भ्रष्टाचार के मामले परत-दर-परत खुलते नजर आएंगे। जिसका सीधा लाभ ग्रामीण जनता को होगा।

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