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अनूपपुर

आखिर क्या हुआ कि अधिकारी सोते रहे चैन की नींद और ९ घंटे तक अंधेरे में नागरिकों ने काटी रात

नगर के साथ साथ 54 गांवों में भी छाया रहा अंधेरा

अनूपपुरMar 19, 2019 / 12:01 pm

Rajan Kumar Gupta

After all, the authorities slept in peace and sleeplessness in the dar

आखिर क्या हुआ कि अधिकारी सोते रहे चैन की नींद और ९ घंटे तक अंधेरे में नागरिकों ने काटी रात

अनूपपुर। पिछले चार दिनों से अनूपपुर जिले में लगातार आंधी और बारिश के बन रहे माहौल में रविवार की रात अनूपपुर नगरवासियों के लिए काली स्याह रात साबित हुई। जहां एक रूक रूक कर हो रही बारिश से अनूपपुर शहर की सडक़ें तालाबों में तब्दील हो रही थी और अनूपपुर जैतहरी मार्ग कीचड़ के कारण भारी वाहनों की जाम में अटा पड़ा था। वहीं अनूपपुर उपकेन्द्र से बहाल होने वाली बिजली के अघोषित ९ घंटे की कटौती में पूरा अनूपपुर नगर सहित आसपास के ५४ गांव अंधेरे की आगोश में सिमटा रहा। दिन के समय हर दो मिनट पर बार बार ट्रिप की समस्या बनती रही तो रविवार की शाम ७ बजे से सुबह सोमवार ४ बजे तक ब्लैक आउट रही। बिजली में बिजली विभाग के अधिकारी कर्मचारियों का मोबाइल कोई जवाब नहीं दे रहा था। रातभर पानी और अंधेरे में नगरवासी हालाकान रहे, तो दूसरी ओर जिला प्रशासन सहित वरिष्ठ अधिकारी चैन की नींद सो रहे थे। प्रशासनिक अधिकारियों का आवासीय परिसर बिजली की रोशनी में जगमगा रहा था। नगरवासियों ने बिजली की बार बार कटौती और शाम ७ बजे से दरमियानी रात तक गुल रही बिजली पर अधिकारियों को सूचना देकर सुधार की मांग की। लेकिन इस दौरान किसी प्रशासनिक अधिकारी ने शहर का जायजा लेना उचित नहीं समझा, और ना ही बिजली विभाग के अधिकारियों से कोई जानकारी ली। जिसके कारण अनूपपुर में बिजली की अघोषित कटौती से रोष का माहौल बना हुआ है। नगरवासियों का कहना है कि जिले में फीडर सेपरेशन की कमी का दंश पिछले ८ सालों से अनूपपुर नगरवासी झेल रहे है। साल के बारहो मास हल्की हवाओं में पत्तों की खडख़ड़ाहट से अनूपपुर उपकेन्द्र की बिजली आपूर्ति शटडाउन हो जाती है। इससे सबसे अधिक परेशानी बारिश के दौरान बनती है। लेकिन जिला मुख्यालय के अधिकारियों की नाराजगी और अपनी नाकामियों को छिपाने बिजली विभाग ने उपकेन्द्र से अलग फीडर चालू कर प्रशासनिक आवासीय कॉलोनियों तक पहुंचा दिया है। जिसमें बारिश और तूफान के दौरान भी अधिकारियों के आवास बिजली की रोशनी में रोशन रहते हैं। लेकिन हर बार लम्बे अंतरात की ब्लैक आउट के बाद शहर और ग्रामीण अंचलों की बिजली आपूर्ति बहाल कर दी जाती है। जिसमें आजतक कभी किसी प्रशासनिक अधिकारियों ने लम्बे समय तक गुल होने वाली बिजली आपूर्ति के सम्बंध में न तो विभागीय अधिकारियों से पूछताछ की और ना ही इस समस्या के निदान के लिए कोई रणनीति बनाई। विभागीय सूत्रों का कहना है कि बिजली विभाग द्वारा वर्तमान में फीडर सेपरेशन जैसी व्यवस्था बनाई जा रही है। जिसमें शहर की बिजली आपूर्ति को निर्बाध जारी रखने ग्रामीण क्षेत्रों को अलग अलग स्थानों पर सुधार कार्य कराए जा रहे हैं। वहीं उनका कहना है कि विभाग में कर्मचारियों की तादाद कम होने के कारण समय पर सुधार नहीं हो पाता। इसके अलावा बारिश के दौरान सुरक्षा के उपकरण नहीं होने के कारण कर्मचारी सुधार नहीं कर पाते। विदित हो कि वर्तमान में अनूपपुर उपकेन्द्र से अनूपपुर नगरपालिका के साथ साथ आसपास के ५४ गांवों की विद्युत आपूर्ति एक ही फीडर से आपूर्ति कराई जाती है।
बॉक्स: शहर में नहीं हुई जलापूर्ति
एक ओर जहां बिजली की अघोषित कटौती से नगरवासी परेशान दिखे, वहीं बिजली के अभाव में शाम के समय नगर के समस्त १५ वार्डो में जलापूर्ति नहीं हो सकी। यहां कि घरों के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बेकार दिखे। जबकि दिनभर ट्रिप की समस्या बने रहने के कारण शनिवार बंद के बाद रविवार को खुली व्यापारिक प्रतिष्ठानें प्रभावित रही। शाम तक अधिकांश व्यापारिक प्रतिष्ठानों में अंधेरे के कारण व्यापारियों ने दुकान की शटर डाउन कर घर का रास्ता अपनाया।

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