पति की मृत्यु के बाद अनाज पीसने वाली चक्की को बनाया रोजगार का साधन
विपरीत परिस्थितियों के बाद भी अपने बच्चों को कर रही शिक्षित
पति की मृत्यु के बाद अनाज पीसने वाली चक्की को बनाया रोजगार का साधन
अनूपपुर। अनूपपुर जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत दैखल के बांका टोला निवासी महिला सुमित्रा गुप्ता विपरीत परिस्थितियों में भी स्वयं अपने बच्चों का पालन पोषण करते हुए उन्हें शिक्षित कर रही है। सुमित्रा गुप्ता के पति की मृत्यु 8 वर्ष पूर्ण हो गई थी और ऐसे में उनके सामने बच्चों के पालन-पोषण व उन्हें शिक्षित करने की चुनौती सामने खड़ी थी। ऐसे में सुमित्रा गुप्ता ने अनाज पीसने वाली चक्की मशीन को ही अपना रोजगार बनाते हुए इससे प्राप्त होने वाली आय से जीविकोपार्जन व बच्चों को शिक्षित करने का कार्य आरम्भ किया। आज हालात यह है कि घर की गृहस्थी चलाने के साथ साथ बच्चों को भी पढ़ा रही है। सुमित्रा गुप्ता ने बताया कि पहले तो चक्की से पर्याप्त आय हो जाती थी। लेकिन धीरे-धीरे गांव में दो और अन्य चक्की भी खुल जाने के कारण जीविकोपार्जन के लिए पर्याप्त आय मिलना मुश्किल हो गया। जिसे देखते हुए वह ग्राम पंचायत में होने वाले कार्य में मजदूरी भी करती हैं।
बॉक्स: रोजगार से जुडऩे तक निभाएगी जिम्मेदारी
सुमित्रा गुप्ता बताती है कि उसके पास चक्की के अलावा जीवोकोपार्जन के लिए अन्य कोई स्त्रोत नहीं है। जमीन नहीं है। इसके लिए मजदूरी भी करती है। बेटी को शिक्षित कर उसके हाथ पीला करना उसका उद्देश्य रह गया है। बच्चों को शिक्षित कर जब वह रोजगार से जुड़ जाएंगे तब उनकी जिम्मेदारी पूरी हो जाएगी। लेकिन तब तक उन्हें बच्चों की जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी।
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