कृषि वैज्ञानिकों ने कहा कृषि यंत्रीकरण से कम मेहनत में हो सकता है अधिक मुनाफा
आईजीएनटीयू के केवीके दे रहा किसानों को विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्रों का प्रशिक्षण
कृषि वैज्ञानिकों ने कहा कृषि यंत्रीकरण से कम मेहनत में हो सकता है अधिक मुनाफा
अनूपपुर। किसानों को विभिन्न प्रकार के यंत्रों और उपकरणों के प्रयोग का प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय स्थित कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) ने पुष्पराजगढ़ की ग्राम पंचायत बीजापुरी में कृषक संगोष्ठी आयोजित की गई। इसमें किसानों का आह्वान किया कि वे समूह में कृषि संबंधी यंत्रों का प्रयोग कर खेती की लागत को कम करके अपने मुनाफे को और अधिक बढ़ा सकते हैं। विषय वस्तु विशेषज्ञ (एसएमएस) संदीप चौहान ने किसानों को उन्नत कृषि यंत्र बेलो और ट्रेक्टर चालित सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल मशीन, धान की बुवाई मशीन, धान रोपने की मशीन आदि के बारे किसानों को विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बैलों के माध्यम से प्रयोग किए जाने वाले कृषि उपकरणों के बारे में भी बताया। श्री चौहान का कहना था कि इन यंत्रों के प्रयोग से किसान खेती में श्रम को काफी कम कर सकते है, जिससे धन और समय दोनों की बचत संभव है। एसएमएस योगेश कुमार ने धान फसल में कोनोवीडर यंत्र के उपयोग के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इसके प्रयोग से धान की पौध को कम समय और कम लागत में आसानी के साथ रोपा जा सकता है। प्रकाश धुर्वे, सेवक राम मरावी सहित बड़ी संख्या में किसानों ने खेती की चुनौतियों के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने किसानों को धान की विभिन्न किस्मों, ज्वार, बाजरा, कोदो, कुटकी और रागी की प्रदर्शनी लगाकर इनसे होने वाले लाभ की जानकारी भी प्रदान की। केवीके द्वारा आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में ग्राम हर्षवाह में किसान क्रेडिट कार्ड के बारे में जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने किसानों को क्रेडिट कार्ड से होने वाले लाभ की जानकारी देते हुए बताया कि इससे किसानों को समय पर ऋण प्राप्त हो सकता है। जिससे समय पर उपकरण, बीज और खाद खरीदकर खेती से होने वाले लाभ को बढ़ाया जा सकता है। केवीके के प्रमुख डॉ. एसके पांडे का कहना है कि किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसानों को क्रेडिट कार्ड और पासबुक प्रदान की जाती है, जिसमें उसकी मूलभूत जानकारी होती है। किसान कम लिखा-पढ़ी के माध्यम से आसानी से खेती के लिए ऋण प्राप्त कर सकते हैं। श्री चौहान का कहना है कि कार्ड से प्राप्त ऋण का भुगतान फसल बेचने के बाद आसानी के साथ किया जा सकता है। किसानों से निकटतम बैंक ब्रांच से किसान क्रेडिट कार्ड प्राप्त कर इसका लाभ उठाने का आह्वान किया।
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