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अनूपपुर

अन्नदाता परेशान: 3.11 करोड़ की लागत की नहर, चार साल से अधूरी, खेतों तक नहीं पहुंचा पानी

घटिया निर्माण के कारण बरसात में बह जाती कच्ची कैनाल, लापरवाही जिम्मेदार

अनूपपुरNov 30, 2020 / 11:53 am

Rajan Kumar Gupta

Annadata upset: Canal costing 3.11 crore, incomplete for four years, w

अन्नदाता परेशान: 3.11 करोड़ की लागत की नहर, चार साल से अधूरी, खेतों तक नहीं पहुंचा पानी

अनूपपुर। पुष्पराजगढ़ जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत पोडकी में स्थित जोहिला जलाशय में जल संसाधन विभाग द्वारा 3 करोख11 लाख रुपए की लागत से निर्माणाधीन नहर चार साल से अधूरी है। नहर निर्माण की समय अवधि दो बार बढ़ाई जा चुकी है, बावजूद इसके कार्य अभी भी पूर्ण नहीं हो सके हैं। 22 किलोमीटर लंबी नहर में से महज 10 किलोमीटर का जैसे तैसे निर्माण हो सका है, जबकि मुख्य नहर और लिंक नहर का कार्य अधूरा है। मुख्य एवं लिंक नहर जगह-जगह से टूट गई है, जिसके कारण किसानों के खेतों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। नहर निर्माण का कार्य ठेकेदार द्वारा कराया गया है, जिसमें निर्माण एजेंसी द्वारा तकनीकी स्वीकृत से हटकर घटिया निर्माण कार्य किए जाने के आरोप ग्रामीणों द्वारा लगाए गए हैं। किसानों का कहना है कि वे अपने खेतों में सिंचाई के लिए पानी का इंतजार पिछले चार साल से कर रहे हैं। बताया जाता है कि वर्ष 2016 में इस नहर का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था। जहां 2017 निर्माण कार्य पूर्णता की तिथि निर्धारित की गई थी। समय सीमा पर कार्य पूर्ण नहीं होने पर पहले 1 वर्ष और फिर बाद में 2 वर्ष के लिए कार्य पूर्णता की तिथि बढ़ा दी गई थी। वर्तमान में कार्य पूर्णता नवंबर 2020 तक किया जाना था। लेकिन आश्चर्य इतनी समयावधि बढाए जाने के बाद जिम्मेदार विभाग इसे पूरा नहीं करा सके हैं। जबकि 12 किलोमीटर नहर का निर्माण कार्य कराया जाना शेष है। जल संसाधन विभाग के अधिकारी ठेकेदार पर दोषारोपण कर अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं।
बॉक्स: कहां गए सफाई राशि का आवंटन
ग्राम पंचायत पोडक़ी में स्थित जोहिला जलाशय नहर सफाई के लिए प्रतिवर्ष दो लाख से अधिक की राशि आवंटित होती है। लेकिन इन राशियों के आवंटन के बाद भी विभाग द्वारा न तो नहर की सफाई की जाती है और ना ही लीकेज कैनालों की मरम्मती। माना जाता है कि विभाग कागजी कार्रवाई में आवंटित राशियों का बंदरबांट कर देता है। जिसके कारण आधी-अधूरी निर्मित नालों से भी किसानों को सिंचाई का लाभ नहीं मिल पाता।
बाक्स: १० गावों की१५०० हेक्टेयर भूमि होना है सिंचित
जानकारी के अनुसार जोहिला जलाशय नहर निर्माण से लगभग 10 ग्रामों की 1500 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई किया जाना है। पोडक़ी ग्राम सहित पोड़ी, हर्रा टोला, बरसोत, किरगाही, लालपुर, भेजरी, पोड़ी फर्म गांव शामिल हैं। इन ग्रामों में सिंचाई की सुविधा के लिए नहर निर्माण कराया जा रहा है। निर्माण के साथ-साथ नहर टूटी भी जा रही है, जिसकी गुणवत्ता की परख नहीं होने से निर्माण की पोल खुल रही है। यही हाल मुख्य नहर का भी है जगह-जगह से मुख्य नहर कट गई है।
वर्सन:
किसानों को पानी चाहिए तो खुद आकर नहर साफ करें, तभी पानी मिल सकता है
सुरेश शर्मा, इंजीनियर जल संसाधन विभाग पोड्की बांध।
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