
जयपुर। राजस्थान में लोकसभा चुनाव दो चरणों में शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हो गए हैं। अब इंतज़ार 4 जून को सामने आने वाले नतीजों का हो रहा है। लेकिन पूरे चुनाव के दौरान प्रदेश भर में जारी रही अवैध गतिविधियों पर राज्य से लेकर केंद्रीय जांच एजेंसियों की पैनी नज़र रही। इन एजेंसियों ने बड़े पैमाने पर कार्रवाई को अंजाम देकर इनपर नकेल कसने का काम किया गया।
लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था की स्थिति पर कड़ी नजर रखी गई। हैरानी की सबसे बड़ी बात ये है कि चुनाव के दौरान चली छापेमारी में प्रदेश से अब तक एक-दो नहीं, बल्कि 7 आईईडी बम बरामद हुए हैं। इसके अलावा इस अवधि में 2 हज़ार 646 कारतूस, 4 हज़ार 161 किलोग्राम विस्फोटक पदार्थ भी जप्त किए गए हैं। इतना ही नहीं, अवैध हथियार निर्माण की एक फैक्ट्री पर छापे की कार्रवाई भी की गई है।
आईईडी बम मिलना कई तरह के सवालों को जन्म दे रहा है। आखिर इन बम को किसने और किन कारणों से तैयार करवाया था। क्या कहीं चुनावी सरगर्मियों के बीच कोई बड़ी साजिश को तो अंजाम नहीं दिया जाना था? अब तक जप्त हुए ये 7 आईईडी बम कहां से और किससे जप्त हुए हैं, इस बारे में फिलहाल खुलासा नहीं किया गया है। लेकिन चुनावी गतिविधियों के बीच आईईडी बम मिलना अपने आप में गंभीर सवाल ज़रूर उठाता है।
आईईडी दरअसल अंग्रेजी का शब्द है जिसका मतलब है Improvised Explosive Device । ये एक तरह का बम है, जिसे दहशत फैलाने और नुकसान पहुंचाने के लिए किया जाता है। आईईडी खासतौर से आतंकियों का सबसे पसंदीदा हथियार है। इससे अब तक कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है। इन घटनाओं में जान-माल का भी काफी नुकसान हुआ है।
आईईडी बम मिलिट्री के बमों से कुछ अलग होता है। आईईडी ब्लास्ट के वक्त मौके पर अक्सर आग लग जाती है, क्योंकि इसमें घातक और आग लगाने वाले केमिकल मौजूद रहते हैं। ब्लास्ट होते ही धमाके के साथ धुआं भी बहुत निकलता है।
राजस्थान पुलिस मुख्यालय की ओर से भारत निर्वाचन आयोग को भेजी गई एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में चुवाव के दौरान 1 लाख 99 लाख व्यक्तियों को विभिन्न अवांछित गतिविधियों के कारण पाबंद किया गया। इनमें कुल 64 हज़ार 89 व्यक्तियों को अपराध प्रक्रिया संहिता की धाराओं 107, 108, 110 एवं 151 आदि के तहत पाबंद किया गया। इसी तरह से 1 लाख 35 हज़ार 316 व्यक्तियों को संहिता की विभिन्न धाराओं के साथ ही 109 और 116(3) धाराओं के तहत पाबंद किया गया। इस अवधि में 17 लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) सहित अन्य धाराओं में प्रतिबंधित किया गया है।
राजस्थान में लोकसभा चुनाव भले ही संपन्न हो गए हैं, लेकिन अवैध रूप से रखे हथियारों के मिलने का सिलसिला थम नहीं रहा है। चुनाव बाद जारी अवैध हथियारों की धरपकड़ में पुलिस ने अब तक 8 पिस्तौल, 21 कारतूस पकड़े जप्त किए हैं। राज्य में अब तक 1 हज़ार 394 से अवैध हथियार जब्त हुए हैं।
प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था की स्थिति पर कड़ी नजर रखने का परिणाम है कि राज्य में चुनाव से जुड़ी गतिविधियों के दौरान शांति रही है। 16 मार्च को प्रभावी हुई लोकसभा चुनाव आचार संहिता के साथ ही निर्वाचन विभाग सहित विभिन्न विभाग मुस्तैद हो गए थे। - प्रवीण गुप्ता, मुख्य निर्वाचन अधिकारी
Updated on:
30 Apr 2024 12:13 pm
Published on:
30 Apr 2024 12:12 pm
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