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अनूपपुर

पहली बार दो गोड़ प्रत्याशियों की टक्कर, इस बार यहां बदल गए समीकरण

28 साल से कांग्रेस में उम्मीदवारी करते आ रहे बिसाहूलाल सिंह भाजपा प्रत्याशी हैं। कांग्रेस ने 30 साल बाद नए चेहरे पर दांव लगाया है।

अनूपपुरOct 27, 2020 / 11:44 am

Pawan Tiwari

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अनूपपुर. विंध्य की इकलौती सीट अनूपपुर में उपचुनाव जातीय समीकरण और अंतर्कलह में उलझ गया। शहर में चुनावी सन्नाटा और गांवों में दिग्गजों की लग्जरी गाडिय़ां दौड़ रही हैं। दोनों पार्टियों के पास से मुद्दे गायब हैं। भाजपा का ग्रामीण मतदाताओं में फोकस है। कांग्रेस भी भाजपा को कई मुद्दों पर घेरकर भुनाने में जुटी हुई है, लेकिन इस बार चुनावी समीकरण पूरी तरह बदला नजर आ रहा है। 22 वर्षों से कोल और गोड़ प्रत्याशी के बीच टक्कर इस बार बदल गई है।
पहली बार गोड़ समुदाय से दो प्रत्याशी आमने-सामने हैं। दोनों पार्टियों ने दशकों बाद प्रत्याशी बदला। 28 साल से कांग्रेस में उम्मीदवारी करते आ रहे बिसाहूलाल सिंह भाजपा प्रत्याशी हैं। कांग्रेस ने 30 साल बाद नए चेहरे पर दांव लगाया है। हालांकि उपचुनाव और समस्याओं को लेकर ग्रामीण मतदाता काफी नाराज हैं।

खोली गांव के बस स्टैण्ड में ग्रामीण चौपाल लगाकर मतदाताओं के साथ नेताओं की हकीकत पर चर्चा कर रहे थे। युवा मतदाता धर्मदास कोल कहते हैं, ये सबसे पिछड़ा गांव है। चुनाव है तो नेता रोज आ रहे हैं। पहले समस्याओं को सुनने कभी नहीं आए। ग्रामीण खुले में शवदाह करते हैं। गर्मी में पानी के लिए दूसरी बस्ती जाते हैं। रोजगार के लिए युवा पलायन कर जाते हैं, लेकिन दोनों पार्टियों ने कुछ नहीं किया। आगे बढ़ते ही 1900 मतदाताओं के सकरा गांव की बाजार में राजनीति चर्चा चल रही थी।
यहां दल-बदल को लेकर आदिवासी मतदाता नाराज हैं। पूर्व उपसरपंच मानसिंह कहते हैं, आदिवासी मतदाताओं के साथ धोखा हुआ है। उनका वोट बेचा गया है। मतदाता अपना वोट बदलने से पहले कई बार सोचता है, लेकिन जनप्रतिनिधि एक झटके में पार्टी बदल लेते हैं। दो साल में फिर चुनाव आ गया।
अपनों से आशंकित, दिग्गजों को बूथ की कमान
बकहो से आगे बढ़ते ही गांवों में झण्डे और बैनर नजर आने लगे। कुछ दूरी पर लग्जरी कार खड़ी थी। ग्रामीण बताते हैं, शहडोल से नेता आए हैं। भाजपा में अंतर्कलह के बाद पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला को जिम्मेदारी दी है। पदाधिकारी अपनों से ही आशंकित हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष रामलाल रौतेल की नाराजगी के बाद सीएम शिवराज ने भी भोपाल में मुलाकात की थी। रामलाल की नाराजगी के चलते कोल वोटर्स को साधने का प्रयास किया जा रहा है। शहडोल भाजपा पदाधिकारियों को बूथ की कमान सौंपी है। सीएम शिवराज का दूसरी बार आना प्रस्तावित है। इधर कांग्रेस एकजुट नजर आ रही है।
गांव के मुद्दे पर कोई बात नहीं कर रहा
खोली के ग्रामीण गणपत कोल कहते हैं कि हमारे मुद्दों पर कोई बात ही नहीं कर रहा है। गांव में कई समस्याएं हैं। हम सिर्फ मांग कर सकते हैं। हर बार हां कर दिया जाता है। इस बार प्रत्याशियों को उल्टे पांव गांव से लौटना पड़ेगा। सकरा के ग्रामीण मान सिंह का कहना है कि दो साल पहले ही चुनाव हुआ था। जनप्रतिनिधि खुद के स्वार्थ के लिए जनता के वोट के साथ खेल रहे हैं। गांव के मुद्दे गायब हैं। जनप्रतिनिधि आ रहे हैं लेकिन ग्रामीणों की समस्याओं पर कोई बात ही नहीं कर रहा है।
जातीय समीकरण
सामान्य – 27 हजार
पिछड़ा वर्ग – 50 हजार
एसटी – 51 हजार
एससी – 8 हजार
मुस्लिम – 4 हजार

कब किसे कितने मिले वोट
2018 बिसाहूलाल (कांग्रेस) 62770, रामलाल रौतेल 51209 भाजपा
2013 रामलाल रौतेल (भाजपा) 57438, बिसाहूलाल 45693 कांग्रेस
2008 बिसाहूलाल (कांग्रेस) 39814, रामलाल रौतेल 38665 भाजपा
2003 रामलाल रौतेल (भाजपा), 47926 बिसाहूलाल 43079 कांग्रेस
मुद्दा गायब
फ्लाइओवर का मुद्दा पूरे चुनाव से गायब है। दो साल पहले भूमिपूजन हुआ था। अब चुनाव के चलते काम शुरू कराया गया है। विधानसभा क्षेत्र में दो बड़े उद्योग हैं। इसके बाद भी हर साल युवाओं का पलायन होता है। पूरे चुनाव से रोजगार का मुद्दा गायब है।

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