बच्चों ने पर्यावरण बचाने पॉलीथिन और प्लास्टिक को कहा ना, घर से उपयोग बंद करने का करेंगे पहल
शिक्षकों और बच्चों ने ली स्वच्छता का संकल्प जन्मभूमि को स्वच्छ बनाने 70 घंटे देंगे समय
बच्चों ने पर्यावरण बचाने पॉलीथिन और प्लास्टिक को कहा ना, घर से उपयोग बंद करने का करेंगे पहल
अनूपपुर। पत्रिका के स्वर्णिम भारत अभियान के तहत प्राथमिक स्कूल जमुनिहा कोतमा में नौनिहालों ने पॉलीथिन मुक्त एवं स्वछता का संकल्प लेते घर से उपयोग बंद करने की बात कही। वहीं स्कूल के नौनिहालों के साथ साथ शिक्षकों ने भी पर्यावरण को बचाने पॉलीथिन और प्लास्टिक से मुक्ति को आवश्यक बताया और जन्मभूमि को स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया। इस मौके पर स्कूल प्रभारी छोटेलाल सिंह श्याम ने पत्रिका के इस अभियान की सराहना करते हुए कहा यह समाज के लोगों के मन को भी स्वच्छ करने में मददगार साबित होगी। जब बच्चे स्वचछता के प्रति अपना दायित्व निर्वहन करेंगे तो अभिभावक भी स्वत: इससे जुड़ते चले जाएंगे। इस मौके पर स्वच्छता कार्यक्रम की महत्ता से बच्चों को अवगत कराते हुए ऐसे पदार्थो से पर्यावरण को होने वाले दुष्परिणाम के बारे में भी जानकारी दी। स्कूल प्रभारी ने बच्चों को समझाते हुए कहा सफाई को हां प्लास्टिक को ना। ७० घंटे का समय आपके गांव और शहर की सूरत बदल देंगे और इसकी शुरूआत अपने घरों से की जानी चाहिए। जब घर साफ होगा तो आसपास के स्थल भी साफ सुथरे होंगे। और जब आसपास का स्थल साफ होगा तो गांव व नगर भी साफ हो जाएंगे। लेकिन इस पहल खुद से करना आवश्यक है। पर्यावरण और वातावरण में पैदा होने वाले खतरनाक रसायनिक जहर मानव जीवन के लिए खतरा है, जिसका प्रभाव वर्तमान वातावरण को प्रभावित कर रहा है। सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगे प्रतिबंध को प्रभावी बनाने ग्रामीणों में जागरूकता लानी होगी, ताकि प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग नहीं हो सके और यथा सम्भव पर्यावरण को बचाने में मदद मिल सके। शथप कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राओं को पर्यावरण सुधार और संरक्षण की दिशा में जागरूकता पैदा करने की जरूरत बताई गई। बच्चों ने भी प्रतिदिन ११ मिनट का समय देकर साल के ७० घंट जन्मभूमि को स्वच्छ बनाए रखने का संकल्प लिया। इस मौके पर स्कूल के शिक्षक अर्जुन मिश्रा सहित अन्य स्टाफ मौजूद रहे।
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