नगरीय प्रशासक ने बरती चूक, पानी परिवहन के लिए नहीं लगाया टेंडर
मार्च माह की समाप्ति के साथ पुराने परिवहन ठेका हुआ समाप्त, पानी की समस्या से जूझेगा बिजुरी
नगरीय प्रशासक ने बरती चूक, पानी परिवहन के लिए नहीं लगाया टेंडर
अनूपपुर। लगभग ५० हजार से अधिक की आबादी वाले बिजुरी नगरपालिका क्षेत्रवासियों को इस वर्ष भी पानी की समस्या से जूझना होगा। प्रत्येक वर्ष मार्च माह के दौरान नगरीय क्षेत्र के लिए पानी परिवहन जैसी व्यवस्था में इस वर्ष नगरपालिका प्रशासन चूक गई। जिसमें नगर में सालभर के लिए जलापूर्ति कराने वाली पानी टैंकर वाहनों का टेंडर ही नहीं किया है। जबकि नगरपालिका के पास खुद की जल परिवहन के लिए सात पानी टैंकर वाहन मौजूद है, लेकिन ट्रैक्टरों के अभाव में उसका परिवहन नहीं किया सकता। बावजूद नगरपालिका नगरीय ने समय से पूर्व व्यवस्थाओं को बनाने लापरवाही बरत दी। हालात यह बने कि ३१ मार्च की समाप्ति के साथ पूर्व पानी टैंकरों का टेंडर भी समाप्त हो गया। जिसके कारण अब नगरपालिका क्षेत्र में जलापूर्ति की व्यवस्थाएं चरमरा सी गई है। वहीं पानी के अभाव में नगरवासियों को परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है। सीएमओ बिजुरी रामसुहावन चतुर्वेदी का कहना है कि हमने पूर्व में टेंडर की प्रक्रिया तैयार की थी, लेकिन आचार संहिता के कारण उसकी निविदाएं नहीं निकाल सका। जिसमें अब ई-टेंडरिंग कराया गया है। लेकिन अबतक निविदाएं सामने नहंी आने तथा वाहनों की उपलब्धता में यह स्थिति बन गई है। लोगों का कहना है कि बिजुरी में खदानों की संख्या अधिक होने के कारण यहां प्रतिवर्ष पानी की समस्या बनती है। जैसे जैसे गर्मी की तपिश बढ़ती जा रही है वैसे वैसे जमीन के नीचे से जलस्तर खिसकता जा रहा है। अप्रैल माह के प्रारम्भ में ही नगर के दर्जनों तालाबों की तलहटी सूख कर मैदान में तब्दील हो गई है। जबकि एकाध तालाब कीचड़ के रूप में जमने की तैयारी में लगी है। यह संकेत नगरवासियों को यह बताने के लिए काफी है कि गर्मी में यहां पानी की समस्या बनेगी।
बताया जाता है कि बिजुरी नगरपालिका अधीनस्थ १५ वार्ड है। जहां लगभग ४५-५० हजार की आबादी निवासरत है। इनमें कॉलरी कर्मचारियों व अधिकारियों के आवासों में जलापूर्ति के लिए कॉलरी प्रशासन ने बिजुरी खदान से सीधा पानी खींच वार्ड क्रमांक ६ गल्लैयाटोला में अपनी फिल्टर प्लांट से पानी की आपूर्ति कराता है। इनमें कॉलरी द्वारा वार्ड क्रमांक १ से ६ तक लगभग १२-१५ हजार कॉलरी परिवारों के लिए जलापूर्ति करता है। शेष वार्डो की जलापूर्ति की जिम्मेदारी नगरपालिका बिजुरी की मानी गई है। लेकिन बिजुरी नगरपालिका पानी की समस्या के प्रति गम्भीर नहीं दिखती। पिछले ७० सालों में बिजुरी में स्थायी पेयजल समस्या का समाधान नहीं किया गया है। वार्ड ७ से लेकर १५ वार्ड तक के लिए नगरपालिका ने दो फिल्टर प्लांट की स्थापना की। जिसमें नगरीय क्षेत्र से ८ किलोमीटर दूर बेनीबहरा गांव में बहेराबांध भूमिगत खदान से सीधी पाईप लाईन के माध्यम से स्थापित फिल्टर प्लांट तथा दूसरा भगता भवनिया वार्ड क्रमांक १५ में स्थापित फिल्टर प्लांट। लेकिन इन फिल्टर प्लांट से वार्ड क्रमंाक १०, १५ व १३ वार्ड के ही कुछ हिस्सों को जलापूर्ति कराई जाती है। शेष वार्डो में परिवहन के माध्यम से जलापूर्ति कराया जाता है। इसके लिए नगरपालिका प्रतिवर्ष लाखों की निविदाएं निकाल पेयजल की समस्या को दूर करने का प्रयास करती है।
बॉक्स: ३०० रूपए प्रति टैंकर की लगती है बोली
नगरपालिका बिजुरी में गर्मी के दौरान नपा द्वारा जल परिवहन के बावजूद नगरवासियों को निजी रूप में पानी खरीदने की मजबूरी बनती है । जिसमें पानी टैंकर मालिकों द्वारा प्रति टैंकर ३०० रूपए की बोली लगाई जाती है। यह सिलसिला सालों भर चलता रहता है। इसके अलावा एक सैकड़ा से अधिक हैंडपम्प भी बोर होने बावजूद मई-जून में समस्त हैंडपम्प हवाएं उगलने लगते हैं।
वर्सन:
आचार संहिता से पूर्व विज्ञप्ति निकाली गई थी। लेकिन बाद में आचार संहिता लगने के कारण उसपर कार्य नहीं किया जा सका। फिर से ई-विज्ञप्ति निकाली गई, निविदाएं प्राप्त नहीं हुए है। जैसे होगा वाहनों की टेंडर कर कार्य में लगाया जाएगा।
रामसुहावन चतुर्वेदी, सीएमओ बिजुरी।
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