उच्च शिक्षा गुणवत्ता सुधार पर प्रशासन की कमेटी हुई सुस्त, जिले के 137 प्राचार्या का नहीं हुआ साक्षात्कार
स्कूल में लचर प्रदर्शन करने वाले प्राचार्य को नहीं मिली जिम्मेदारी से मुक्ति
उच्च शिक्षा गुणवत्ता सुधार पर प्रशासन की कमेटी हुई सुस्त, जिले के 137 प्राचार्या का नहीं हुआ साक्षात्कार
अनूपपुर। जिले के उच्च शिक्षण संस्थानों में लचर प्रदर्शन के कारण छात्रों के परिणामों में आई गिरावट पर गम्भीर हुआ जिला प्रशासन समय के साथ नरम पड़ गया है। अगस्त माह के दौरान जिले समस्त उच्च शिक्षण संस्थानों में कार्यरत १३७ प्राचार्यो के लिए होने वाले साक्षात्कार माह भर के बाद भी सम्पन्न नहीं किए जा सके हैं। जिसके कारण अब भी जिले में लचर प्रदर्शन करने वाले प्राचार्यो की जिम्मेदारी में स्कूली शिक्षण का संचालन पूरा किया जा रहा है। वहीं जिला प्रशासन द्वारा गठित समिति का कहीं अता पता नहीं है। जिला प्रशासन ने वर्ष २०१८-१९ के हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल के परिणाम में ९-१० प्रतिशत की गिरावट पर पिछले तीन साल के परीक्षा परिणामों और कम आए परिणामों के आधार पर कमेटी के माध्यम से साक्षात्कार की योजना बनाई थी। इसके लिए समिति स्कूलों में पदस्थ प्राचार्यो का साक्षात्कार लेती और साक्षात्कार में लचर प्रदर्शन करने वाले प्राचार्यो को बदल उनके स्थान अन्य शिक्षकों को स्कूल की जिम्मेदारी सौंपती। इसके लिए जिला कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर की अध्यक्षता में समिति में जिला पंचायत सीईओ सरोधन सिंह, प्राचार्य नवोदय अमरकंटक एवं प्राचार्य केवी धनपुरी साक्षात्कार समिति के सदस्य के रूप में शामिल हुए थे। प्रशासन ने १५ अगस्त बाद साक्षात्कार का आयोजन किए जाने की योजना बनाई थी। लेकिन १५ अगस्त के बाद अबतक किसी प्रकार के साक्षात्कार का आयोजन नहीं किया जा सका है। हालांकि जिला प्रशासन के इस आदेश के बाद जिले के ५८ हाईस्कूल सहित ७९ हायर सेकेंडरी स्कूली प्राचार्यो की कुर्सी उपर साक्षात्कार का भय मंडराने लगा था। शासकीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर का मानना है क्षेत्र के विकास के लिए शिक्षा अहम है। इसके लिए जिले के माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के प्राचार्यों की गम्भीरता एवं दायित्व के लिए उपयुक्तता की जांच करने के लिए समिति का गठन कर साक्षात्कार लिया जाएगा। जिसमें जिले के 5८ माध्यमिक एवं ७९ उच्चतर माध्यमिक स्कूलों के छात्रों के पिछले 3 वर्षों के 10 वीं एवं 12 वीं के शिक्षा परिणामों की जानकारी के साथ विद्यालय के प्राचार्य 500 शब्दों में शैक्षणिक स्तर के सुधार के लिए अपनी कार्ययोजना समिति के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। इस कार्ययोजना एवं पिछले 3 वर्षों के परिणामों को दृष्टिगत रखते हुए समिति साक्षात्कार उपरांत प्राचार्यों के पद में बने रहने की उपयुक्तता पर निर्णय लेगी। जो प्राचार्य उपयुक्त नहीं पाए जाएंगे ऐसे स्कूलों के लिए अन्य शिक्षकों से पदपूर्ति के लिए आवेदन प्राप्त किए जाएंगे एवं समिति द्वारा साक्षात्कार उपरांत पदस्थापना की जाएगी।
बॉक्स: कहां कितने प्रतिशत तक गिरा था परिणाम
जानकारी के अनुसार पिछले तीन साल वर्ष २०१६-१७, २०१७-१८, २०१८-१९ के परीक्षा परिणामों में जिले के ३० हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल के परिणाम न्यून आए थे। जिनका परिणाम अधिकतम २९.६३ तथा न्यनूतम ४ प्रतिशत तक आया था। वहंी वर्ष २०१८-१९ में आए परिणामों में ६-९ प्रतिशत की गिरावट पर कलेक्टर ने नाराजगी जताते हुए जिम्मेदारों की ही व्यवस्था बदलने का फैसला लिया है। इनमें २०१८-१९ में १०वीं कक्षा के परिणाम ५९.२१ जो पिछले साल की अपेक्षा ८ प्रतिशत कम तथा १२ वीं कक्षा के परिणाम ६३.९२ जो वर्ष २०१७-१८ से एक प्रतिशत कम रहा।
Home / Anuppur / उच्च शिक्षा गुणवत्ता सुधार पर प्रशासन की कमेटी हुई सुस्त, जिले के 137 प्राचार्या का नहीं हुआ साक्षात्कार