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अनूपपुर

विभाग की मिलीभगत में करोड़ों रुपए की चावल लापता, एसपी ने दिखाई सख्ती तो एफआइआर के लिए सौंपे दस्तावेज

विभाग ने सौंपे 27 पन्नों के दस्तावेज, आधा दर्जन रिमाइंडर पत्रों के बाद भी अब तक नहीं दर्ज कराया था एफआइआर

अनूपपुरMay 28, 2022 / 10:42 am

Rajan Kumar Gupta

Crores of rice missing in the connivance of the department, SP showed

विभाग की मिलीभगत में करोड़ों रुपए की चावल लापता, एसपी ने दिखाई सख्ती तो एफआइआर के लिए सौंपे दस्तावेज

अनूपपुर। जिले में ६ करोड़ ४ लाख रुपए के चावल की गड़बड़ी के मामले में पुलिस अधीक्षक की सख्ती के बाद अब नागरिक आपूर्ति विभाग ने २७ पन्नों के दस्तावेजों के साथ भोपाल से जारी आदेश पत्र एसपी को सौंपा है। जिसमें एसपी ने दस्तावेजों के परीक्षण के बाद आगे की कार्रवाई की बात कही है। माना जाता है कि नागरिक आपूर्ति विभाग के एमडी के जारी आदेश की तामिली में पुलिस अधीक्षक जल्द ही आरोपियों के खिलाफ जिम्मेदारी तय करेंगे।
लेकिन आश्चर्य नागरिक आपूर्ति विभाग को दोषियों के खिलाफ एफआइआर के लिए अर्जी व दस्तावेजों को सौंपने में दो वर्ष से अधिक के समय बीत गए। जबकि एक ही छत के नीचे जिला नागरिक आपूर्ति विभाग से मात्र २५ मीटर की दूरी पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय हैं। इस लापरवाही में चावल गड़बड़ी में शामिल अधिकारी, मिलर्स, परिवहनकर्ता और वेयरहाउस प्रबंधक के खिलाफ अब तक कार्रवाई नहीं हो सकी है। विदित हो कि सजहा वेयरहाउस से वर्ष 2016-17 के दौरान 22573.12 क्विंटल चावल जिसे कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर गोदाम में जमा होने की जानकारी देने के बाद फर्जी रूप से परिवहन किया गया था। इसमें 6 करोड़ 4 लाख 8 हजार 829 रुपए के खाद्यान्न खुर्दबुर्द किए गए थे। इसमें भोपाल स्तरीय जांच टीम की कार्रवाई के उपरांत वसूली और कार्रवाई को लेकर राज्य शासन की ओर से २६ सितम्बर २०१९, प्रबंधक संचालक भोपाल से ६ दिसम्बर २०१९, २७ जनवरी २०२०, ७ फरवरी २०२० तथा १२ मार्च २०२० को आदेश पत्र जारी किए गए थे। इसके बाद ८ दिसम्बर २०२१ को भी पत्र जारी किए गए थे। लेकिन इन आदेशों की तामिली ने विभाग ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। यहां विभागीय अधिकारियों ने कभी पुलिस को दस्तावेज सौंपने तो कभी पुलिस ने अधूरे दस्तावेज प्रस्तुत कर फाइल जल्द एसपी को सौंपने की बात कह टालमटोल करते रहे।
एमडी के आदेश पत्र में कही ये बात
वर्ष २०१६-१७ के दौरान धान की हुई उपज के उपरांत चावल के लिए मिलर्स को आवंटन दिए गए। जिसमें मिलर्र्स ने विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत में औने पौने कागजों पर धान का उठाव किया। लेकिन उठाए गए धान के बदले चावल की खेप को गोदामों तक नहीं पहुंचाया। जिस पर २६ मई २०२० को एससीएससी (मप्र स्टेट सिविल सप्लाइज कॉर्पोरेशन लिमिटेड, भोपाल) प्रबंध संचालक अभिजीत अग्रवाल ने सतना के तत्कालीन आरएम रवि सिंह को पत्र लिखते हुए 22573.12 क्विंटल चावल के खुदबुर्द में आर्थिक क्षति की राशि ६ करोड़ ४ लाख ८ हजार ८२६ रुपए वसूली केन्द्र प्रभारी रज्जू कोल, तथा वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन शाखा प्रबंधक वायपी त्रिपाठी तथा सम्बंधित मिलर्स से करने के निर्देशित किया। साथ ही प्रबंध संचालक ने केन्द्र प्रभारी रज्जू कोल तथा वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन के शाखा प्रबंधक वायपी त्रिपाठी और सम्बंधित मिलर्स के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने तथा उन्हें सेवा से पृथक किए जाने के लिए नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई करने निर्देशित किया था। प्रबंधक संचालक भोपाल ने अपने पत्र में पांच अन्य पत्रों का हवाला देते हुए आजतक सम्बंधित दोषियों के विरूद्ध कोई भी कार्रवाई नहीं किए जाने की बात और ना ही इस सम्बंध में कॉर्पोरेशन मुख्यालय को अवगत कराने की बात कही थी।
बॉक्स: नए मामले में 1 करोड़ 11 लाख की चावल रिकार्ड से गायब
एमडी भोपाल तरूण कुमार पिथोडे ने ८ दिसम्बर २०२१ को पुलिस अधीक्षक अनूपपुर के नाम जारी किए गए एफआईआर दर्ज के आदेश पत्र में एक नया मामला भी जोड़ा है। जिसमें एमडी ने अनूपपुर जिले के मप्र वेयरहाउस एवं लॉजिस्टिक कार्पोरेशन एवं मप्र स्टेट सिविल सप्लाइज कॉर्पोरेशन लिमिटेड के रिकार्ड परीक्षण में 4174.61 क्विंटल वेयरहाउस में जमा ही नहीं होना बताया है। एमडी ने इस गायब चावल के अनुमानित आर्थिक कीमत 2676.14 रूपए प्रति क्विंटल की मान से 1 करोड़ 11 लाख 71 हजार 840 रुपए बताया है।
बॉक्स: अन्न पूर्णा वेयर हाउस प्रकरण में जांच रिपोर्ट भोपाल
कोतमा के अन्न पूर्णा वेयरहाउस में तीन ट्रक चावल लगभग ९०० क्विंटल लोडिंग और अनलोडिंग मामले में जिला नागरिक आपूर्ति विभाग ने अपनी रिपोर्ट भोपाल को भेज दी है। जिसमें अब तक कार्रवाई सम्बंधित कोई आदेश नहीं मिलने की बात कही है। नान प्रबंधक ने बताया कि अगर इसमें आदेश पत्र मिलते हैं तो मामला दर्ज कराया जाएगा।
वर्सन:
दोपहर को २७ पन्नों के दस्तावेज और आदेश पत्र मिले हैं, परीक्षण कर जल्द कार्रवाई की जाएगी। लेकिन पुलिस अधीक्षक कार्यालय के नाम से दिसम्बर माह में जारी हुए आदेश पत्र अब तक क्यों नहीं भेजे गए।
अखिल पटेल, पुलिस अधीक्षक अनूपपुर।
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