आजादी के 70 साल बाद भी सडक़ से वंचित दैखल गांव, छह वार्डो में पैदल चलने नहीं पक्की सडक़
ग्राम सभाओं के प्रस्तावों में शामिल सडक़: निर्माण के लिए नहीं बने प्राक्कलन
आजादी के 70 साल बाद भी सडक़ से वंचित दैखल गांव, छह वार्डो में पैदल चलने नहीं पक्की सडक़
अनूपपुर। देश को आजादी मिलने के सात दशक बाद भी जनपद पंचायत अनूपपुर के ग्राम पंचायत दैखल के आधा दर्जन गांव सडक़ के लिए तरस रहे हैं। यहां के ग्रामीणों को पैदल चलने पक्की सडक़ नहीं है। जिसके कारण साल के बारह महीने कच्ची सडक़ से ही आवाजाही कर रहे हैं। सबसे अधिक परेशानी तो बारिश की सीजन के दौरान होती, जब बारिश के पानी में कच्ची सडक़ किसी वाहन की आवाजाही में दलदलनुमा सडक़ में तब्दील हो जाती है। जिसके बाद यहां पैदल चलना भी दुश्कर हो जाता है। बताया जाता है कि ग्राम पंचायत में सरपंच और सचिव की मनमानी के कारण औने पौने रूप में पुलियों का निर्माण कराया जा रहा है, जहंा उसकी उपयोगिता ही नहीं है। लेकिन गांव की सडक़ों के लिए ग्राम सभा के एजेंड़ों में शामिल किए प्रस्ताव पर पंचायत प्रतिनिधियों ने कभी गम्भीरता ही नहीं दिखाई। ग्राम पंचायत निवासी बिहारी पनिका ने बताया कि उनके द्वारा कई बार ग्राम सभा एवं पंचायत में सरपंच व सचिव को सडक़ बनाए जाने को कहा गया। लेकिन समस्या की अनदेखा करते हुए 20 वर्ष बीत गए, सडक़ का निर्माण नहीं कराया गया। ग्रामीण के अनुसार वार्ड क्रमांक 4 में 200 की आबादी निवास करती है, जहां ज्यादातर आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं। लेकिन कई दशक बाद भी ग्रामीणों की फरियाद नहीं सुनी जा सकी है। बताया जाता है कि ग्राम पंचायत दैखल के वार्ड क्रमांक ४, १३, १४, १ के दो मोहल्ले, ९ में आजतक पक्की सडक़ का निर्माण नहीं कराया गया , जो दशकों बाद भी कच्ची सडक़ ही आवागमन का एक मात्र रास्ता बना हुआ है।
बॉक्स: सडक़ एक भी नहीं पुलिया दो
ग्रामीणों ने बताया कि वार्ड क्रमांक १ में ग्रामीणों के लिए एक भी सडक़ का निर्माण नहीं कराया गया है। जबकि यहां दो मोहल्ले हैं। लेकिन ग्राम पंचायत सचिव और सरपंच ने मनमानी और जनपद कार्यालय की मिलीभगत में बिना सडक़ निर्माण कराए १० लाख की लागत से दो पुलियों का निर्माण कराया दिया। यह पुलिया अब गांव के लिए शोपीस मात्र बनकर रह गई है। जिसपर आवाजाही के लिए इसे सडक़ से ही नहीं जोड़ा गया है।
वर्सन:
ग्राम पंचायत में कई ऐसे वार्ड है जहां अब तक पीसीसी सडक़ भी नहीं बन सका है। ग्राम पंचायत को सडक़ बनाए जाने कई बार अपील की गई, लेकिन पंचायत ने अनदेखी कर दी।
धन्नूलाल नामदेव, समाजसेवी ग्राम पंचायत दैखल।
—-
ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव ही प्रस्ताव देकर इस निर्माण कार्य को स्वीकृत कराते हैं। पुलिया निर्माण से पहले सडक़ निर्माण जरूरी है। मेरे द्वारा जल्द ही निरीक्षण कर सडक़ निर्माण के लिए प्रस्ताव देने सरपंच- सचिव को कहा जाएगा।
अरूण भारद्वाज, सीईओ जनपद पंचायत अनूपपुर।
——————————————-
Home / Anuppur / आजादी के 70 साल बाद भी सडक़ से वंचित दैखल गांव, छह वार्डो में पैदल चलने नहीं पक्की सडक़