अनूपपुर। छत्तीसगढ़ से मप्र के अनूपपुर वनमंडल के कोतमा वनपरिक्षेत्र पहुंचे ४२ हाथियों का झुंड पिछले डेढ़ माह के दौरान टांकी बीट से सटे ग्रामीण इलाकों के साथ साथ अब दूर-दराज के गांवों की ओर भी आहार के लिए अपना मूवमेंट आरम्भ कर दिया है। जहां पिछले कुछ दिनों से हाथियों का मूवमेंट शाम होते ही खोड्री और कोहका गांव की ओर बन रहा है। जिसमें जहां खाड्री नम्बर २ और कोहका गांव के किसानों की फसलों को नुकसान के साथ साथ आवागमन में प्रत्येक शाम और सुबह फुलकोना पंचायत के फुलवारीटोला स्थित पेट्रोल पंप एवं आमाडांड ओसीएम के बीच गुजरी मनेन्द्रगढ़-मारवाही मुख्य मार्ग को पार करने के दौरा यातायात को बाधित भी कर रही है। जिसमें प्रतिदिन सुबह और शाम को वनविभाग अमला मार्ग में सुरक्षा की दूृष्टि से ड्यूटी निभा रहे हैं। १४ नवम्बर की शाम हाथियों का झुंड विचरण के लिए मनेन्द्रगढ़-मारवाही मुख्य मार्ग को पार करने पहुंची, जहां दोनों दिशाओं की ओर लगभग आधा घंटा तक यातायात को रोका गया था। वहीं १५ नवम्बर की सुबह हाथियों का झुंड विचरण कर वापसी किया ,जहां वनविभाग अमले ने दोनों दिशाओं की ओर यातायात को पुन: रोकते हुए हाथियों को महानीम कुंडी के जंगल की ओर वापसी कराया। कोतमा वनपरिक्षेत्राधिकारी परिवेश सिंह भदौरिया ने बताया कि पूर्व में फुलवारीटोला, आमाडाड ओसीएम, कोहका, करकटीटोला, मंटोलिया, बडक़ाटोला, ऊरा, खोडरी नंबर 2, सेमरा गांव, भलमुडी, सैतिनचुआ गांव, गुल्लूटोला से बिछड़ीटोला, मलगा, टांकी, बैगानटोला सहित अन्य गांवों तक हाथियों का आहार के लिए मूवमेंट होता था, लेकिन अब यह दूर-दराज की ओर भी विचरण करने लगे हैं। लेकिन हाथियों के इस विचरण से दर्जनों गांव के किसान और आम नागरिक परेशान है। वहीं दूसरी ओर खोड्री और कोहका सहित अन्य प्रभावित गांवों के किसानों ने मदद के लिए कोतमा विधायक के कार्यालय का दरवाजा भी खटखटाया है। जिसमें विधायक सुनील सराफ से हाथियों को क्षेत्र से हटाने और उनके द्वारा किए गए फसलों को नुकसान का मुआवाजा दिलाने की अपील की है। बॉक्स: सीसीएफ पहुंचे निरीक्षण में बताया जाता है कि पिछले 49 दिनों से क्षेत्र में रहवास बनाए और किसानों के खेतों में लगी फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हाथियों के झुंड के निरीक्षण में सोमवार की दोपहर सीसीएफ पीके वर्मा डीएफओ डॉ. एए अंसारी के साथ हाथी प्रभावित गांव पहुंचे। जहां भ्रमण कर आम जनों एवं वन विभाग के कर्मचारियों से बातचीत कर सतर्कता बनाए रखने एवं हाथियों के समूह से आमजन को दूर रखने, निरंतर मुनादी कराते रहने तथा राजस्व विभाग के साथ मिलकर गांव वालों की फसलों एवं अन्य तरह के नुकसान का सर्वेक्षण उपरांत मुआवजा दिलाने के निर्देश दिए। बताया जाता है कि हाथियों से लगातार फसलों और घरों को हो रहे नुकसान से ग्रामीणों में आक्रोश बना हुआ है। [typography_font:18pt;” >————————————