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अनूपपुर

भगवान भरोसे पांच गांव, जलाशय के टूटे हिस्से को बांधने नहीं गम्भीर जलसंसाधन विभाग

टूटे बांध से बह रहा जलाशय का पानी, सैकड़ो एकड़ की खरीफ फसल पानी में हो गई बर्बाद

अनूपपुरAug 06, 2019 / 04:17 pm

Rajan Kumar Gupta

God trusts five villages, do not bury the damaged part of the reservoi

भगवान भरोसे पांच गांव, जलाशय के टूटे हिस्से को बांधने नहीं गम्भीर जलसंसाधन विभाग

अनूपपुर। कोतमा जनपद पंचायत के बेलियाबड़ी पिपरिया जलाशय के बहने की घटना के एक माह बाद भी जिला प्रशासन सहित जलसंसाधन विभाग गम्भीर नहीं दिख रहा है। इस प्रकरण में शासन ने जलसंसाधन विभाग की लापरवाही मानते हुए विभागीय कार्यपालन यंत्री सहित, प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी और उपयंत्री को निलम्बित कर दिया था। लेकिन इसके माहभर बाद भी टूटे बांध को बांधने तथा ग्रामीणों को इस आपदा से बचाने जिला प्रशासन और जल संसाधन विभाग द्वारा पहल नहीं की गई है। हालात यह है कि ९ जुलाई बुधवार की सुबह टूटे बांध के हिस्से से आज भी पानी का लगातार बहाव बना हुआ है और पांच गांव के ग्रामीण भगवान भरोसे हैं। जलाशय से पानी का बहाव उसमें बारिश से भरने वाले पानी की मात्रा के आधार पर कम और ज्यादा मात्रा में बहता रहता है। इस बहाव में पिपरिया सहित जोगीटोला, बेलियाबड़ी, दैवगंवा के हजारो एकड़ की फसल डूबी पड़ी है। पानी के लगातार रिसकर खेतों की ओर हो रहे बहाव के कारण खेतों का पानी कम नहीं हो रहा है। किसानों की लगी मेनहत की फसल इस वर्ष पूरी तरह बर्बाद हो गई। वहीं किसानों ने आशंका जाहिर किया है कि अगर पानी का बहाव बंद नहीं हुआ और खेतों का पानी नहीं सूखा तो आगामी रबी की फसल की बुवाई भी सम्भव नहीं हो सकेगी। उल्लेखनीय है कि पिपरिया जलाशय का निर्माण २०१७ में जलसंसाधन विभाग द्वारा आरम्भ किया गया है, जिसे २६ करोड़ २४ लाख ६५ हजार की लागत से बनाया जा रहा है। इसके लिए विभाग द्वारा लगभग ८०१ हेक्टेयर भूमि जिसे लगभग ८०-९० किसानों से अधिग्रहित की है। इस बांध का निर्माण तीन वर्ष में २०२० में पूर्ण किया जाना निर्धारित है। इस जलाशय से ७ किलोमीटर लम्बी नहर निकालते हुए आसपास के गांवों बेलियाबड़ी, जोगीटोला, दैवगंवा, पिपरिया को सिंचाई सुविधा से लाभांवित किया जाना है। लेकिन अपने निर्माण के आधे रास्ते में २६ करोड़ की लागत में निर्माणाधीन बांध का एक हिस्सा ९ जुलाई बुधवार की सुबह अचानक पानी के दवाब में बह गया था। बांध का लगभग १५-२० फीट का एक हिस्सा उपर से नीचे तक पूरी तरह धराशायी होकर पानी के साथ बह गया था। जिसमें आसपास के सैकड़ों किसानों की सैकड़ों एकड़ की खेत जलमग्न हो गए थे। शुक्र था कि पास के पांच घर इस जल प्रलय की धार से दूर रहे, अन्यथा वह भी पानी के बहाव में बह जाते।
बॉक्स: नहीं हटे प्रभावित किसानों के घर, नहीं बंधा बांध
कोतमा एसडीएम ने जलसंसाधन विभाग को निर्देशित किया था कि बांध के आसपास जो घर है उसके परिजनों को फिलहाल कहीं और विस्थापित किया जाए। साथ बांध की मॉनीटरिंग के निर्देश दिए थे। हालांकि इस मामले में जलसंसाधन विभाग ने अपनी लापरवाही पर पर्दा डालते हुए बांध के टूटने में स्थानीय ग्रामीणों पर तोडऩे का आरोप मढा था। बांध टूटने के बाद विभाग ने निरीक्षण के दौरान इसे हल्के में लेते हुए इससे कोई खतरा नहीं बताकर उसी हालात में छोड़ दिया। जिसके कारण पिछले एक माह से बांध को बांधा नहंी जा सका है। बांध के नहीं बांधे जाने से बेलियाबड़ी और कोतमा के बीच बने मुख्य मार्ग पर पानी बहाव के बीच ग्रामीणों की आवाजाही बनी हुई है। पानी के लगातार रिसाव में सडक़ के कटने के साथ वहां से गुजरने वाले ग्रामीण भी असुरक्षित हो गए हैं। ग्रामीणों का कहना है अधिक बारिश होने पर पानी का रिसाव इसी टूटे हिस्से से होगा, जिसमें अधिक पानी बहने पर यातायात प्रभावित होगी और आसपास के गांवों पर खतरा भी मंडराएगा।
वर्सन:
इस सम्बंध में जलंसाधन विभाग के अधिकारी व ठेकेदार को निर्देशित कर बांध के टूटे हिस्से को बांधने के लिए कहा गया था। अभी तक नहीं बांधा गया है तो मैं जानकारी लेकर आगे की कार्रवाई करवाता हूं। बांध जल्द ही बांधे जाएंगे।
चंद्रमोहन ठाकुर, कलेक्टर अनूपपुर।

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