इस रेलवे स्टेशन पर दो माह से खड़ी मालगाड़ी अब हुई रवाना, स्टेशन प्रबंधक सहित दमकलकर्मियों ने ली राहत
खबर का असर: लगातार कोयला में आग लगने से परेशान थे रेलकर्मी और नगरपालिका दमकल कर्मचारी, पत्रिका ने उठाया था मामला
इस रेलवे स्टेशन पर दो माह से खड़ी मालगाड़ी अब हुई रवाना, स्टेशन प्रबंधक सहित दमकलकर्मियों ने ली राहत
अनूपपुर। अनूपपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म के रेलवे ट्रैक ६ पर पिछले दो माह ३ दिन से खड़ी कोयला, रेत व गिट्टी (मिक्सचर)लोड मालगाड़ी आखिरकार १६ मई की शाम ४.३० बजे आगे के लिए रवाना हुई। अनूपपुर से शहडोल की ओर रवाना हुई। अब ये मालगाड़ी आगे विभिन्न रेलवे स्टेशन पर रैक को खाली करते हुए आगे बढेगी। मालगाड़ी के शाम के समय रवाना होने के बाद रेलवे स्टेशन प्रबंधक, जीआरपी और नगरपालिका दमकल कर्मियों ने राहत की सांस ली है। रेलवे स्टेशन प्रबंधक अनूपपुर एके श्रीवास्तव ने बताया कि बिलासपुर से निर्देश मिलने के बाद १३ मार्च को बिलासपुर की ओर अनूपपुर रेलवे स्टेशन पर आकर खड़ी हुई मालगाड़ी को सोमवार की शाम रवाना किया गया। मालगाड़ी में कोयला, रेत, गिट्टी सहित अन्य सामान लोड थे। लेकिन कोयला लोड वैगन में पिछले दो माह के दौरान कई बार आग सुलगने की घटना हो चुकी थी। जिस पर काबू पाने रेलवे कर्मचारियों व फायरब्रिगेड अमला को काफी मशक्कत करना पड़ रहा था। इस परेशानी और पास के टै्रक पर सवारी गाडिय़ों की आवाजाही के दौरान किसी हादसें की आशंका को देखते हुए बिलासपुर मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्राचार भी किया गया था। लेकिन अब तक दपूमरे मुख्यालय बिलासपुर की ओर से कोई जवाब नहीं दिए गए थे। लेकिन पत्रिका में प्रकाशित खबर के बाद मुख्यालय ने गंभीरता दिखाते हुए दूसरे ही दिन मालगाड़ी को आगे की ओर रवाना करने निर्देशित किया।
बॉक्स: पत्रिका ने उठाया था मामला
दरअसल १४ मई की सुबह ९ बजे खड़ी मालगाड़ी के वैगन क्रमांक बीओएक्सएक्सएम-१ १००३९८/७७७२१ में तेज गर्मी के कारण अचानक आग सुलग गई। धुंआ को निकलते देखकर रेलवे कर्मी ने इसकी सूचना रेलवे स्टेशन मास्टर को दी। जिसके बाद १०० डायल पुलिस और नगरपालिका अनूपपुर के फायरब्रिगेड ने मौके पर पहुंचकर आग बुझाने की कार्रवाई की। इस दौरान पत्रिका पड़ताल में पूछताछ में यह बात सामने आई कि यह मालगाड़ी पिछले दो माह से यहां खड़ी है। जिसमें कई बार आग सुलगने की घटना हुई और रेलवे कर्मियों के साथ दमकल कर्मियों ने कड़ी मशक्कत बाद आग पर काबू पाया है। इस दौरान रेलवे जीआरपी, दमकल कर्मियों के साथ अन्य कर्मचारियों ने परेशानियों को बयां करते हुए बताया कि आग बुझाने में आधा घंटा का समय लगता है। लेकिन इसमें अनुमति लेने, बिजली कट करने, आग बुझाने, फिर इसी प्रक्रिया में आग बुझने पर बिजली आपूर्ति के लिए अनुमति लेने, काम सम्पन्न के लिए उच्च अधिकारियों को सूचना देने सहित अन्य काम में तीन-चार घंटे का समय हर आग लगने की घटना में व्यतीत किया जा रहा है। क्योंकि बिना अनुमति आप कुछ भी नहीं कर सकते।
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