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अनूपपुर

धान पर मंडराया सूखे की मार, तीखी धूप में खेतों में पडऩे लगी दरार

बारिश के अभाव में खरीफ की फसल होगी प्रभावित, सप्ताहभर से नहीं टपकी बारिश की एक भी बूंद

अनूपपुरJul 19, 2019 / 12:41 pm

Rajan Kumar Gupta

Hail on paddy, dry cracks in paddy fields

धान पर मंडराया सूखे की मार, तीखी धूप में खेतों में पडऩे लगी दरार

अनूपपुर। जिले की एक लाख 75 हजार हेक्टेयर खरीफ फसलों पर सूखे का साया मंडराने लगा है। जुलाई माह की शुरूआती सप्ताह हुई मानसूनी बारिश के उपरांत पिछले एक सप्ताह से खेतों की फसलों को बारिश का पानी नसीब नहीं हो सका है। जहां नमी की कमी के कारण खेतों में लगी खरीफ की फसलें अब पीली पडऩे लगी है। खासकर धान का खेत अपने शुरूआती समय में ही मानों पीले रंग के फसल में नजर आने लगी है। वहीं पानी क अभाव में धान की खेतों में दरार पडऩे लगा है। पीले धान और खेतों के दरार हो देख किसानों के माथे पर चिंता की लकीर खींच आई है। किसानों का कहना था कि शुरूआती बारिश की मार से बचकर निकले तो अब तैयार फसल नमी के अभाव में पीली पडऩे लगी है। उनका मानना है कि आसमान साफ होने के कारण धूप बैशाख माह के सामान गर्माहट लिए धरती पर पड़ रही, जिसके कारण कल तक खेतों में बनी नमी अब सूखे खेतों में तब्दील हो गई है। खेतों में गायब नमी के कारण दरान पडऩे लगी है और फसल पीले पड़ मुरझाने लगे हैं। जबकिं अन्य फसलों में भी बारिश की कमी दिखने लगी है। हालांकि दलहनी फसलों को इससे खास नुकसान नहीं होगा, लेकिन धान सर्वाधिक प्रभावित फसल मानी जाएगी। उल्लेखनीय है कि जिले में इस वर्ष १.७५ लाख हेक्टेयर खरीफ की बुवाई का लक्ष्य रखा है। जिसमें धान के लिए ११५.२० हजार हेक्टेयर, ज्वार २०० हेक्टेयर, मक्का१३.९५ हजार हेक्टेयर, कोदो कुटकी १५ हजार हेक्टेयर, दलहन फसलो में अरहर ९.९५ हजार हेक्टेयर, मूंग ०.८० हजार हेक्टेयर, उड़द ४ हजार हेक्टेयर तथा तिलहन की फसलों में मूंगफली १ हजार हेक्टेयर, तिल २ हजार हेक्टेयर, सोयाबीन ५ हजार हेक्टेयर, रामतिल ८ हजार हेक्टेयर सहित कुल १७५.५६ हेक्टेयर भूमि में बोनी का लक्ष्य रखा गया है।
कृषि विभाग का कहना है कि अभी जिले के तीन विकासखंडों अनूपपुर, कोतमा और जैतहरी के अधिकांश हिस्सों में धान की रोपनी हुई है। पुष्पराजगढ़ विकासखंड में शुरूआती बारिश के उपरांत ही खरीफ की बुवाई आरम्भ हो गई थी। जिसके कारण वहां खेतों में लगी फसलों को कुछ राहत है। लेकिन अनूपपुर, कोतमा और जैतहरी विकासखंड की खेतों में नमी की आवश्यकता है। इसके अलावा कुछ स्थानों पर नर्सरी लगी है, जिसे पानी के अभाव में खेतों में रोपा नहीं जा सका है। बड़े किसान सिंचाई पम्प से खेतों की सिंचाई तो कर सकेंगे, जबकि छोटे किसानों की फसल पानी के अभाव में प्रभावित होगी। आंकड़ों को देखा जाए तो इस वर्ष अबतक ३११.८ मिमी औसत बारिश के रूप में बरसी है, जबकि वर्ष २०१८ में सामान्य बारिश होने के आंकड़ों में भी १० मिमी बारिश से पिछड़ गया है। पिछले वर्ष ३२१.८ मिमी बारिश १ जून से १८ जुलाई तक रिकार्ड किया गया था। जबकि पिछले एक सप्ताह से अनूपपुर सहित जिले के अन्य वर्षामापी केन्द्रों पर बारिश की मात्रा शून्य दर्ज हुई है। कृषि विभाग का मानना है कि शुरूआती फसल प्रभावित हुआ तो शेष फसलों का उत्पाद कम हो जाएगा, खेत बिना फसल उगाए ही रह जाएगी।
वर्सन:
जिले के चारों विकासखंड में खरीफ की बुवाई का कार्य चल रहा है। किसान खेत तैयार कर बारिश के इंतजार में बैठे हैं, कुछ निचले स्थानों पर नमी के कारण बुवाई भी हुई। लेकिन अब खेतों में नमी के अभाव में दरारें पडऩे लगी है। अगर जल्द ही बारिश नहीं उतरी तो खरीफ की फसल प्रभावित हो जाएगी।
एनडी गुप्ता, उपसंचालक कृषि विभाग अनूपपुर।

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