अनूपपुर। कोतमा जनपद पंचायत में शासकीय विभागों से सम्बंधित समस्याओं के निराकरण के लिए ६९ गांवों के लाखों ग्रामीण जिला मुख्यालय अनूपपुर का चक्कर काटने को विवश है। जनपद मुख्यालय में अनुविभागीय राजस्व विभाग और तहसील कार्यालय ही मुख्य रूप से संचालित होने के कारण शेष विभागीय कार्यो के लाभ के लिए लगभग डेढ़ लाख की आबादी शासकीय योजनाओं से वंचित हो रहे हैं। जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सितम्बर 2016 में कोतमा आगमन पर लोगों की मांग पर जिला प्रशासन से विभागीय क्षेत्रीय कार्यालय खोले जाने के निर्देश दिए थे। लेकिन विभागा प्रमुखों ने अपनी विभागीय क्षेत्रीय कार्यालय खोलने में दिलचस्पी नहीं दिखाई है। जिसके कारण कोतमा के सैकड़ों ग्रामीण आज भी अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए कलेक्टर कार्यालय का दरवाजा खटखटाते नजर आते हैं। वहीं क्षेत्रीय कार्यालय के कोतमा में खोले जाने पर लगभग 42 विभागों के 350 से अधिक सेवाओं से ग्रामीणों को लाभांवित किया जाता। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों की मांग पर मुख्यमत्री ने भी ग्रामीण व्यवस्थाओं के अनुरूप स्थानीय स्तर पर विभागीय अधिकारी उपलब्ध कराते हुए क्षेत्र के विकास की बात मानी थी। मुख्यमंत्री का मानना था कि क्षेत्रीय कार्यालय खोले जाने से ग्रामीणों को 60-70 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय के चक्कर से बचाया जा सकता है। लेकिन मुख्यमंत्री के दिए गए आश्वासनों के सालभर बाद भी कोतमा जनपद पंचायत में प्रशासकीय विभागों के उप क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित नहीं हो सके। कोतमा पूर्व नपा अध्यक्ष राजेश सोनी के अनुसार कोतमा में एसडीएम व तहसील कार्यालय के अलावा बिजली, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य चार पांच विभागों के कार्यालय खुले हुए हैं। लेकिन अधिकारियों व अमले की कमी के कारण विभाग नाममात्र के खुले हुए है या बंद हैं। जबकि शासकीय सूची में देखा जाए तो लोक सेवाओं के प्रदाय की गांरटी अधिनियम के अंतर्गत 42 विभागों के द्वारा 350 सेवाएं प्रदाय की जा रही है। जिनमें उर्जा विभाग, श्रम विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, राजस्व विभाग, नगरीय विकास विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, सामाजिक न्याय विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग, खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग, वन विभाग, गृह विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, परिवहन विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, नगरीय आवास एवं पर्यावरण विभाग, योजना और आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग, वित्त विभाग, वाणिज्य-उद्योग एवं
रोजगार विभाग, खाद्य एवं औषधि विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, पर्यटन विभाग शामिल हैं।
पीएचई ने की शुरूआतलोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने दिसम्बर 2016 के दौरान ही अपना प्रथम क्षेत्रीय कार्यालय खोल दिया। इसके लिए लगभग 150 कर्मचारियों को जबलपुर मुख्यालय से कोतमा स्थानांतरित किया गया। भले ही उन कर्मचारियों के स्थापना में कमरा व स्थान का अभाव है। लेकिन अब विभागीय उपशाखा के संचालन से स्थानीय लोगों ने राहत महसूस की है। लेकिन अन्य 41 विभागों का कहीं अता पता नहीं है।
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हमने सीएम के सामने विभागों के क्षेत्रीय कार्यालय खोले जाने की मांग रखी थी। जिस पर मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को निर्देश देते हुए कोतमा में तत्काल विभागों के क्षेत्रीय कार्यालय खोले जाने के निर्देश दिए थे। लेकिन अबतक सिर्फ एकाध विभागीय शाखा ही स्थापित हो सकी है।
राजेश सोनी, पूर्व नपा अध्यक्ष कोतमा। ————–
इस सम्बंध में सीईओ व तहसीलदार से जानकारी लेकर आगे की व्यवस्था बनवाता हूं। इसके लिए जिला प्रशासन को पत्राचार कर विभागीय उपशाखा उपलब्ध कराने की मांग की जाएगी।
मिलिंद नागदेव, एसडीएम कोतमा। Home / Anuppur / कैसे मिलेगा 42 विभागों की 350 सेवाओं का लाभ