माहभर बाद पांच उपार्जन केन्द्र पर नहीं हुई बोहनी, तीन उपार्जन केन्द्र पर ६ किसानों ने बेची फसल
अनूपपुर। किसानों को खेती का लाभ का धंधा बनाने के उद्देश्य से कृषि विभाग द्वारा २६५ रूपए प्रोत्साहन राशि के साथ गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य १७३४ रूपए प्रति क्विंटल उपार्जन के दिए गए प्रदेश के मुख्यमंत्री के आश्वासनों के बाद भी किसानों का मन जिले के उपार्जन केन्द्रों की ओर नहीं दौड़ रहा है। जिसके कारण वर्ष २०१८ में अनूपपुर जिले के दिए लक्ष्य २० हजार क्विंटल की खरीदारी में मात्र १२ क्विंटल गेहूं की खरीदारी हो सकी है। जबकि गेहूं की खरीदारी के लिए जिले में बनाए गए ८ उपार्जन केन्द्रों में मात्र ३ उपार्जन केन्द्रों पर ही ६ किसानों ने अपनी गेहूं को बेचा है, शेष पांच अन्य उपार्जन केन्द्र खरीदी की निर्धारित तिथि के माहभर बाद भी वीरान पड़ी है। इसका मुख्य कारण अनूपपुर जिले में विलम्ब से हुई रबी फसल की बोवाई के साथ फसल तैयारी के उपरांत गांवों में व्यापारियों द्वारा गेहूं खरीदी में उंची बोल माना जाता है। इसमें किसानों से गेहूं खरीदी में बिचौलिएं और व्यापारी किसानों को उंची कीमत देकर गांवों से ही गेहूं का परिवहन कर रहे हैं। जबकि दूसरी और उपार्जन केन्द्र पर न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ उपार्जन केन्द्रों की मनमानी में पंजीकृत किसान भी उपार्जन केन्द्रों की बजाय घर से कम लगात में अधिक कीमत पर गेहूं को बेच रहे हैं। इससे किसानों को लाभ तो मिल ही रहा है वहीं बिचौलिएं और बाहरी व्यापारियों को लाभ पहुंच रहा है। वहीं माहभर के बाद भी तीन उपार्जन केन्द्र से १२ क्विंटल गेहूं की खरीदी पर अब खाद्य आपूर्ति विभाग के माथे पर बल पड़ गया है, जहां विभाग यह मान कर चल रही है कि खरीदी की यह रफ्तार रही तो लक्ष्य की पूर्ति कैसे दूर रह जाएगी।
विभागीय जानकारी के अनुसार अनूपपुर जिले में २५ मार्च से २५ मई तक गेहूं उपार्जन की तिथि निर्धारित करते हुए जिले में ८ उपार्जन केन्द्र बनाए गए थे। जहां १४५३ किसानों को पंजीकृत करते हुए विभाग ने रकबे के अनुसार लगभग २० हजार क्विंटल का लक्ष्य निर्धारित किया था। लेकिन २५ मार्च से आरम्भ हुई खरीदी में २४ अपै्रल तक मात्र ६ किसानों से १२.७० क्विंटल गेहूं की खरीदारी सम्भव हो सकी। इनमें अनूपपुर उपार्जन केन्द्र पर पंजीकृत २४० किसानों में १ किसान ने ९ क्विंटल, उपार्जन केन्द्र कोतमा में पंजीकृत १२० किसानों में ४ किसानोंं ने १०.४० क्विंटल तथा उपार्जन केन्द्र फुनगा पर पंजीकृत २४९ किसानों में मात्र १ किसान ने १.४० क्विंटल गेहूं की आवक हुई। जबकि अन्य पांच उपार्जन केन्द्र जैतहरी से ११६ पंजीकृत किसान, उपार्जन केन्द्र बेनीबारी से ९३, उपार्जन केन्द्र भेजरी से ११५, उपार्जन केन्द्र दुलहरा से २८१, तथा उपार्जन केन्द्र राजेन्द्रग्राम से पंजीकृत २३९ किसानों में से एक भी किसानों ने अपने गेहूं का उपार्जन कन्द्रों पर नहीं किया है। जबकि इन उपार्जन केन्द्रों में तीन मुख्य उपार्जन केन्द्र राजेन्द्रग्राम, दुलहरा, तथा बेनीबारी में गेहूं उपार्जन की मात्रा सर्वाधिक मानी जाती है।
बॉक्स: व्यापारी खरीद रहे ढाई हजार से अधिक उंची कीमत पर गेहूं
एक ओर जहां शासन इस वर्ष न्यूनतम समर्थन मूल्य१७३४ रूपए प्रति क्विंटल के साथ कृषि विभाग द्वारा प्रोत्साहन राशि के रूप में २६५ रूपए किसानों के खातों में जमा कर लगभग १९९९ रूपए प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान कर रही है। वहीं व्यापारी और बिचौलिए भी किसानों को ५००-७०० रूपए प्रति क्विंटल की दर से अधिक राशि भुगतान कर उनका गेहूं उठाव कर रही है। किसानो की मानें तो घर बैठे २५०० से अधिक की राशि प्राप्त हो रही है। जबकि उपार्जन केन्द्रों पर गेहंू की चमकहीन सहित अन्य खामियां बताकर उन्हें परेशान किया जाता है। फिलहाल विभाग के माथे पर चिंता की लकीरें खींची हुई है।
वर्सन:
माहभर हो गए है लेकिन गेहूं का उपार्जन संतोषजनक नहीं हुआ है। अभी कुछ स्थानों पर कटाई का
काम चालू है सम्भव है कि अब किसान उपार्जन केन्द्रों का रूख करेंगे।
विपिन पटेल, खाद्य आपूर्ति विभाग अनूपपुर।
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