बरबसपुर ओपन कैप में लावारिश पड़ी 159 क्विंटल धान की जांच रिपोर्ट पूरी, विभाग की लापरवाही
वूसली के साथ विभागीय कार्रवाई, कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपने के बाद भोपाल से होगी सीधी कार्रवाई

अनूपपुर। जिला मुख्यालय अनूपपुर से सटे बरबसपुर ग्राम पंचायत में धान भंडारण के लिए बने ओपन कैप में पिछले सालभर से लावारिश हालत में असुरक्षित भंडारित रखी धान की बोरियों की जांच अब पूरी कर ली गई है। जांच रिपोर्ट जिला खाद्य आपूति विभागीय अधिकारी को सौंप दिया गया है। अब विभाग इस जांच प्रतिवेदन को कलेक्टर को सुपुर्द करेंगे। जिसमें कलेक्टर द्वारा जांच रिपोर्ट को भोपाल भेजा जाएगा। यह जांच कमिश्नर शहडोल के निर्देश में जिला खाद्य आपूर्ति विभाग के दो सदस्यी टीम द्वारा कराया गया है। जांच में नागरिक आपूर्ति विभाग और जिला खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। इसमें नागरिक आपूर्ति विभाग में कार्यरत ऑपरेटर की गलती अधिक दोषपूर्ण मानी गई है। जिसमें ऑपरेटर ने खरीदी में लाए गए १५९ क्विंटल धान की जगह सिस्टम फीडिंग में १६९ क्विंटल दर्शाया है। जब खरीदी में आई मात्र १५९ क्विंटल धान की ही मात्रा ही है, १० क्विंटल धान की मात्रा अधिक कैसे हो गई। वहीं जब खरीदी में लाए गए धान की मात्रा सिस्टम में अपडेट कर दी गई तो उपार्जन केन्द्र पर १५९ क्विंटल की लगभग ४२३ बोरियां कैसे शेष बच गई। जांच में यह भी बात सामने आई विभागीय आदेश में अपडेट होने वाली मात्रा में अधिकारियों ने बिना जांच पड़ताल धान की मात्रों का कैसे समावेश और बिच्छेद कर दिया। जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि इस लापरवाही पूर्वक हुई गलती में मुख्य दोष ऑपरेटर का माना है। वहीं यह भी माना जा रहा है कि लगभग ४ लाख की कीमत के नुकसान हुए धान में संचालनालय वसूली के साथ विभागीय कार्रवाई भी करेगी।
बॉक्स: मौखिक आदेश का चला सिलसिला
विदित हो कि वर्ष २०१९-२० के दौरान जिलेभर में २० जनवरी तक खरीदी हुई। इसमें वेंकटनगर सिंघौरा समिति में किसानों से खरीदी गई धान को भंडारण के लिए बरबसपुर कैप में 21 अप्रैल को ट्रक क्रमांक एमपी 16 एच 1527 में 423 बोरी वजन 159.60 क्विंटल के लिए भेजा गया था। पूर्व केन्द्र प्रभारी द्वारा इस धान को रिजेक्ट करते हुए बरबसपुर कैंप में ही पंचनामा बनाकर अलग रखवा दिया था। और पंचनामे के आधार पर एक्सेप्टेंस नोट 25 अप्रैल को काटते हुए वेंकटनगर सिंघौरा समिति को धान के रिजेक्ट होने की सूचना दी थी। लेकिन इन रिजेक्टेड धान की बोरियों का बिना अपग्रेडेशन करवाए, सप्ताह भर दिन के भीतर अचानक तत्कालीन प्रभारी प्रबंधक नॉन ने मौखिक आदेश पर ही धान की एक्सेप्टेंन्स (स्वीकृत)नोट बना दिया था। जिसके बाद बरबसपुर ओपन कैप पर १५९.६० क्विंटल धान की ४२३ बोरियां लावारिश हालत में पड़ी है। हालंाकि वर्तमान में यह धान पूरी तरह सड़ गई है।
बॉक्स: पत्रिका की खबर के बाद कमिश्नर ने दिए थे निर्देश
पत्रिका द्वारा लगातार लावारिश हालत में पड़ी धान के सम्बंध में खबर प्रकाशित की, जिसमें विभागीय अधिकारियों की लापरवाही बताते हुए शासन को लाखों रूपए का नुकसान बताया था। इसपर कमिश्नर ने जांच के आदेश देते हुए रिपोर्ट की मांग की। जिसपर कलेक्टर के निर्देशन में जिला खाद्य आपूर्ति विभाग से दो सदस्यी जांच टीम बनाकर जांच कराई गई।
वर्सन:
इस मामले में ऑपरेटर की गलती सामने आई है। अब मामले में वसूली के साथ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर द्वारा जांच रिपोर्ट भोपाल भेजा जाएगा।
एके श्रीवास्तव, जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी अनूपपुर।
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