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अनूपपुर

राजस्व और खाद्य विभाग की संयुक्त टीम करेगी अमानक खाद्यान्न की जांच

अमानक खाद्यान्न मामले में कलेक्टर ने जताई नाराजगी, गेहूं का परिवहन उपार्जन के साथ करने बनेगी व्यवस्था
 

अनूपपुरFeb 17, 2020 / 09:07 pm

Rajan Kumar Gupta

Joint team of Revenue and Food Department will investigate non-standar

राजस्व और खाद्य विभाग की संयुक्त टीम करेगी अमानक खाद्यान्न की जांच

अनूपपुर। जनवरी और फरवरी माह के दौरान पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अधिकांश पीडीएस दुकानों एवं राजेन्द्रग्राम वेयरहाउस भंडारण केंद्रो में हजारों की मात्रा में अमानक चावल और गेहूं की भेजी गई खेप पर अब जिला प्रशासन ने गम्भीरता दिखाई है। जिसमें १७ फरवरी को समय सीमा की आयोजित बैठक में कलेक्टर ने नागरिक आपूर्ति विभाग और खाद्य विभाग के अधिकारियों पर नाराजगी जताते हुए जमकर फटकार लगाई है। साथ ही कलेक्टर ने मामले को गम्भीर बताते हुए राजस्व एवं खाद्य विभाग की संयुक्त जांच टीम के गठन के निर्देश दिए है। जांच दल में सम्बंधित एसडीएम, तहसीलदार एवं खाद्य विभाग के अधिकारी शामिल करते हुए कलेक्टर ने बैठक में स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा है कि खाद्यान्न की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की कमी स्वीकार नहीं की जाए। अमानक पाए जाने पर गेहूं के आयात को निरस्त कर दिया जाएगा। इसके साथ ही कलेक्टर ने आगामी वर्ष में गुणवत्तापूर्ण गेहूं सुनिश्चित करने के लिए अभी से कार्ययोजना एवं सम्बंधित स्तर पर पत्राचार करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा कि अनूपपुर जिले में गेहूं का कम उत्पादन होने के कारण जिले की मांग की पूर्ति में गेहूं का अन्य जिलों से आयात किया जाता है। वर्तमान वर्ष में अमानक गेहूं की समस्या को दृष्टिगत रखते हुए आगामी वर्ष में जिन जिलों से गेहूं का आयात किया जाता है, उन जिलो में उपार्जन के दौरान ही गेहूं का परिवहन करके अनूपपुर में भंडारण किया जाएगा, ताकि खाद्यान्नों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। वहीं कलेक्टर ने खरीफ फसल के उपार्जन की समीक्षा के दौरान उपार्जित धान के भंडारण एवं भुगतान के लिए आवश्यक निर्देश दिए है। इस दौरान कलेक्टर ने 630 किसानों जिनके पंजीयन के सम्बंध में अनियमितता की समस्या सामने आई है पर जांच कर प्रतिवेदन भेजने के निर्देश दिए है। साथ ही उनसे हुई खरीदी हुई धान के भुगतान की व्यवस्था बनाने की बात कही है। उल्लेखनीय है कि पत्रिका ने अमानक ३७५४ क्विंटल चावल और ६ ट्रक १८९३ क्विंटल गेहूं जैसे आवश्यक खाद्यान्नों के राजेन्द्रग्राम वेयर हाउस में भंडारण तथा एसडीएम व नागरिक आपूर्ति विभाग प्रबंधक द्वारा उसे खराब पाते हुए भी उसके पीडीएस दुकानों में वितरण कराने के सम्बंध में खबर प्रकाशित किया था। जिसमें पत्रिका ने यह भी उल्लेख किया था कि पूर्व में अमानक चावल की खेप पर एसडीएम ने वितरण पर रोक लगाई थी। साथ ही नागरिक आपूर्ति विभाग प्रबंधक से उसे हटाने के निर्देश दिए थे। लेकिन नागरिक आपूर्ति विभाग प्रबंधक द्वारा उसे अपग्रेडेशन करने के उपरांत उसके वितरण का आश्वासन दिया गया था। बावजूद नागरिक आपूर्ति विभाग प्रबंधक ने वेयरहाउस जेएसओ राजेन्द्रग्राम को कोई लिखित आदेश जारी किए चावल को बिना अपग्रेडेशन कराए पीडीएस दुकानों पर वितरण कराने का अप्रत्यक्ष आदेश जारी रखा। जिसमें अमानक चावल की खेप हितग्राहियों के थालियों तक पहुंचने लगी। आलम यहां तक पहुंचा कि करौंदी गांव की दुकान पर पहुंचे चावल की खराब खेप को ग्रामीणों ने लेने से ही इंकार कर दिया। वहीं १३ और १४ फरवरी को नागरिक आपूर्ति विभाग ने सजहा गोदाम से ८ ट्रक गेहूं से लदा अमानक गेहूं का खेप राजेन्द्रग्राम वेयर हाउस भेजा था। जिसमें वेयरहाउस गोदाम के कर्मचारियों ने कीड़ायुक्त आटा फार्मेशन की गेहूं को उतारने से इंकार करते हुए इसकी सूचना नागरिक आपूर्ति विभाग को दी, जहां १५ फरवरी की पुन: पत्रिका में छपी खबर के बाद दोपहर जांच में पहुंचे नान प्रबंधक ने आनन फानन में ६ ट्रक पर लदे १८६३ क्विंटल गेहूं को खराब बताते हुए वापस सजहा गोदाम भेज दिया। विदित हो कि इनमें शामिल एक ट्रक १२ फरवरी को गेहूं लोडकर बाल गोंविद वेयरहाउस अनूपपुर पहुंची थी, जिसे वेयरहाउस के कर्मचारियों ने अमानक बताते हुए उसे वापस लौटा दिया था। लेकिन अगले दिन अन्य ट्रकों के साथ ट्रक क्रमांक एमपी१८ जीए २८८८ अमानक गेहूं लोड किए सजहा गोदाम की जगह राजेन्द्रग्राम वेयर हाउस पहुंच गया था।
बॉक्स: कैसे छूट गए 630 किसान, जांच कर बताए दोषी कौन
२ दिसम्बर से लेकर २० जनवरी तक हुई धान खरीदी में विभाग द्वारा अंतिम तिथि को हुई धान खरीदी और ६३० किसानों के ३१ हजार क्विंटल धान बेचने के बाद शासकीय पोर्टल से गायब मिलने की शिकायत पर कलेक्टर ने अब विभाग को फटकार लगाते हुए खाद्य विभाग को जांचकर दोषी कौन बताने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा कि पूर्व में कलेक्टर द्वारा मांगी गई जानकारी में २११४ किसानों की जगह १४८४ किसानों की सूची क्यों दी गई। ६३० किसानों की सूची क्यों छिपाया गया। वहीं कलेक्टर ने जांच में लापरवाही करने पर नोटिस जारी करने की भी चेतावनी दी है।
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