कलयुगी मां ने नवजात को जन्म के बाद झाडिय़ों में फेंका, चीटिंयों ने काट-काट कर दिया लहूलुहान
कलयुगी मां ने नवजात को जन्म के बाद झाडिय़ों में फेंका, चीटिंयों ने काट-काट कर दिया लहूलुहान
कलयुगी मां ने नवजात को जन्म के बाद झाडिय़ों में फेंका, चीटिंयों ने काट-काट कर दिया लहूलुहान
नौकरानी बनी फरिश्ता, जीप चालक ने नवजात को उठाकर बचाई जान
अनूपपुर। घर का चिराग पाने माता-पिता मंदिरों, मस्जिद, गुरूद्वारे के चौखटों पर माथा टेक अपनी मुराद पूरी करने हरेक अनुष्ठान करने से नहीं थकते। लेकिन कुछ माताएं उन्हीं चिराग को स्याह रात में जन्म के बाद मौत की नींद सुलाने से भी नहीं चूकते। ऐसी ही ममता को शर्मसार करने वाली एक घटना अनूपपुर नगरपालिका के इंदिरा तिराहा स्थित वार्ड क्रमांक ९ में घटी, जहां एक कलयुगी मां ने शुक्रवार २० जुलाई की सुबह अपनी कोख से जन्मे नवजात बालक को जन्म के तत्काल बाद गाजर घास की घनी झाडिय़ों के बीच फेंक अपनी ममता का गला घोंट दिया। नवजात के फेंककर जाने के बाद चीङ्क्षटयों ने उसे नोंच-नोंच कर खाना शुरू कर दिया था। चीटियों के काटने से नवजात के रोने की आवाज आसपास के क्षेत्रों में गूंजने लगी, जहां पास ही किराए के मकान में रह रहे कुछ प्रायवेट कंपनी के कर्मचारियों चालक नीलेश कुशवाहा और उमाकांत जायसवाल के साथ आया (नौकरानी) ममता कहार ने फरिश्ता बनकर बच्चें की जान बचाई। घटना सुबह ८ से ८.३० बजे की बीच की बताई जाती है। जानकारी के अनुसार अनूपपुर जलप्रदाय योजना के तहत पाईपलाईन बिछाने वाली प्रायवेट कंपनी के कुछ कर्मचारी वार्ड क्रमांक ९ स्थित एक किराए के मकान में निवासरत है। जहां शुक्रवार की सुबह ८ बजे के आसपास घर के बाहर काम कर रहे कंपनी के चालक नीलेश कुशवाहा ने झाडिय़ों के बीच से किसी नवजात के रोने की आवाज सुनी। शुरूआती समय नीलेश डर गया। लेकिन लगातार बच्चे की रोने की आवाज सुनकर उसने घटना की जानकारी अपने कंपनी कर्मचारी उमाकांत जायसवाल को दी। उमाकांत जायसवाल भी मकान से बाहर आया तो बच्चें के जोर जोर से रोने की आवाज सुनी। फिर दोनों ने हिम्मत दिखाते हुए नीलेश से बच्चें को ढूढने के लिए कहा। बाद में नीलेश और उमाकांत ने झाडिय़ों के बीच नवजात की तलाश आरम्भ की। इसी दौरान मुख्य मार्ग से लगभग २० मीटर दूर घनी झाडिय़ों के बीच एक नवजात बालक को खून से लथपथ हालत में पाया। नवजात के पूरे शरीर को चीटियां नोंच-नोंचकर खा रही थी, और बालक दर्द से तड़प-तड़प रो रहा था। चालक नीलेश ने तत्काल ही नवजात को उठाकर अपनी आया(नौकरानी) ममता कहार को थमाई। जहां मां के रूप में ममता कहार ने बच्चे को ममता के आंचल से लपेट पूरे शरीर से चिपकी चीटिंयों को बीनकर हटाया तथा साफ पानी से बच्चे की सफाई की। ममता कहार के अनुसार नवजात का शरीर पूरी तरह से जख्मी हो चुका था। जगह जगह से खून का स्त्राव हो रहा था। बच्चे की सफाई के बाद आया सहित कर्मचारियों ने उसे तत्काल उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया। फिलहाल नवजात बालक की स्थिति गम्भीर बनी हुई है, जिसका उपचार आईसीयू वार्ड में किया जा रहा है। पुलिस भी मामले में आसपास के लोगों से पूछताछ कर मामले की जांच कर रही है। डॉक्टरों के अनुसार बच्चे की स्थिति सामान्य नहीं मानी जा रही है। चीटियों के काटने के कारण नवजात(बालक) के नाक और मुंह से हल्की रक्त का स्त्राव हो रहा है। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि नवजात प्री-मेच्योर लगभग ७-८ माह का है जिसका वजन लगभग १ किलो ४६० ग्राम है। डॉक्टरों के अनुसार बच्चें के जन्म में किसी जानकार का हाथ है, जहां बच्चा का नाड़ कटा हुआ पाया गया। फिलहाल नवजात जिला अस्पताल के आईसीयू वार्ड में जिंदगी की सांसे ले रहा है।
Home / Anuppur / कलयुगी मां ने नवजात को जन्म के बाद झाडिय़ों में फेंका, चीटिंयों ने काट-काट कर दिया लहूलुहान