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अनूपपुर

प्रवासी मजदूरों को नहीं मिल रहा रोजगार, माहभर में मात्र 11 मजदूरों को मिला काम का सहारा

मनरेगा ने बढ़ाया हाथ, ग्रामीण क्षेत्रों में 2600 मजदूर काम से जुड़े

अनूपपुरJul 14, 2020 / 10:06 pm

Rajan Kumar Gupta

Migrant laborers are not getting employment, only 11 laborers got supp

प्रवासी मजदूरों को नहीं मिल रहा रोजगार, माहभर में मात्र 11 मजदूरों को मिला काम का सहारा

अनूपपुर। कोरोना संक्रमण काल में बंद हुए उद्योग धंधों और बेरोजगार हुए प्रवासी मजदूरों को स्थानीय स्तर पर उनके कुशल कार्य दक्षता अनुरूप कार्य नहीं मिल सका है। स्थानीय उद्योगधंधों में काम की मांग के अनुसार मजदूर काम को तैयार नहीं है। जिसके कारण अबतक माहभर में मात्र ११ मजदूरों को विभिन्न क्षेत्रों में काम का सहारा मिल सका है। जिनमें १ ठेकेदार स्तर पर, ९ मजदूर आजीविका मिशन योजना तहत और १ ग्राम पंचायत पर लाभांवित हुए है। जबकि प्रशासनिक स्तर पर जिले के चारो विकासखंड अनूपपुर, जैतहरी, कोतमा और पुष्पराजगढ़ क्षेत्रों से कुल ३६६६ प्रवासी मजदूर पंजीकृत है। इसका मुख्य कारण स्थानीय स्तर पर संचालित उद्योगधंधों खासकर हिन्दुस्तार पावर प्लांट, सोडा फैक्ट्री, और जूट मिल में कार्य कुशलता के अनुरूप रिक्त पद नहीं है। जिसके कारण वर्तमान परिस्थितियों में मजदूरों के उनके सहयोग के रूप में कार्य उपलब्धता का एक प्रयास किया जा रहा है। वहीं मजदूर महानगरों में कर रहे कार्य के भांति अपनी दक्षता के अनुरूप कार्य की मांग कर रहे हैं। वहीं दूसरी रोजगार प्रदाताओं द्वारा भी रोजगार उपलब्धता के लिए कम दिलचस्पी दिखाई जा रही है। विदित हो कि जिले में प्रवासी मजदूरों के रोजगार उपलब्धता कराने में १९५ उद्योगपति, ठेकेदार, विल्डर्स, सहित अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठान पंजीकृत हैं। लेकिन इनमें मात्र ११ मजदूरों को रोजगार मिल सका है।
बॉक्स: मांग के अनुरूप काम को तैयार नहीं मजदूर
श्रम विभाग अधिकारी मोहन दुबे ने बताया कि वर्तमान में प्रवासी मजदूरों के काम के लिए सभी नियोक्ताओं से बार बार अपील की जा रही, वहीं विभागीय स्तर पर भी अधिकारियों द्वारा काम के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन दूसरी ओर मजदूर अपने कार्य कुशलता के अनुरूप कार्य करना चाहते हैं। उनके अनुसार कोतमा विकासखंड में ग्राम ंपचायत स्तर पर कार्य के लिए मजदूरों की मांग थी, जिसमें २५-३० मजदूरों को आमंत्रित भी किया गया, लेकिन मजदूरों ने काम देखने के उपरांत कार्य करने की बात कही, लेकिन सप्ताहभर बाद भी मजदूर काम के लिए नहीं पहुंचे। वहीं जैतहरी स्थित हिन्दुस्तान पावर प्लांट में भी ३० मजदूरों की मांग थी, यहां भी काम देखने के उपरांत मजदूरों ने काम करने की बात कह आजतक प्लांट नहीं पहुंचे हैं। श्रम अधिकारी का कहना है कि महानगरों की भांति मजदूर फिलहाल काम की मांग कर रहे हैं, जो स्थानीय उद्योग धंधों में तत्काल उपलब्ध नहीं है।
बॉक्स: मनरेगा से मिला सहयोग
स्थानीय स्तर पर उद्योग धंधों में काम नहीं मिलता देखकर प्रशासन ने मजदूरों को तत्काल रोजगार उपलब्धता के प्रति मनरेगा के कार्यो की ओर रूख कराया है। जिसमें वर्तमान में २६०० प्रवासी मजदूरों को मनरेगा योजना के तहत स्थानीय स्तर पर काम दिलाए गए हैं। इस प्रकार जिले में अबतक मनरेगा के साथ कुल २६११ मजदूर काम में लग सके हैं।
बॉक्स: कहां कितने नियोक्ता और मजदूर
पंजीकृत नियोक्ता १९५, वृहद उद्योग के ४, सूक्ष्म लद्यु व मध्यम २०, ठेकेदार ७३, विल्डर्स २, प्लेसमेंट एजेंसी ३, व्यवसायिक प्रतिष्ठान ६, कॉन्ट्रैक्ट लेबर १, अन्य नियोक्ता १३ तथा ग्राम पंचायत से ६२ शामिल हैं। वहीं पंजीकृत मजदूर ३६६६ जिसमें शहरी १४५, ग्रामीण ३५२१, पुरूष ३२६७, महिला ३९९, असंगठित क्षेत्रों में नियोजित मजदूर ५८८, भवन वं अन्य निर्माण में २००६ तथा कारखाना उद्योग में १०७२ पंजीकृत है।
वर्सन:
कुछ स्थानों से काम के अवसर मिले थे, लेकिन मजदूरों ने रूचि नहीं दिखाई है। मजदूर अपनी कुशलता के अनुरूप महानगरों की तरह कार्य ढूढ रहे हैं, जो फिलहाल उपलब्ध नियोक्ताओं के पास उपलब्ध नहीं है। फिर भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
मोहन दुबे, श्रम विभाग अधिकारी अनूपपुर।
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