छह उपार्जन केन्द्रों पर धान बेचने सैकड़ा से अधिक किसान कर रहे इंतजार, दुबिधा में विभाग
किसानों से धान खरीदी के लिए शासन से नहीं मिली अनुमति
छह उपार्जन केन्द्रों पर धान बेचने सैकड़ा से अधिक किसान कर रहे इंतजार, दुबिधा में विभाग
अनूपपुर। २० जनवरी को धान उपार्जन के अंतिम तिथि समाप्ति होने के साथ ही जिले में लगभग २२६८ किसान धान बेचने से वंचित रह गए। जहां विभाग ने किसानों से तिथि बढ़ाने के लिए शासन के पास प्रस्ताव भेजे जाने की बात कहते हुए धान खरीदी किए जाने का आश्वासन दिया था। लेकिन पिछले दो दिनो ंसे शासन द्वारा अबतक उनके प्रस्तावों पर खरीदी की अनुमति प्रदान नहीं की है। जिसके कारण २२ जनवरी को भी जिले के देवगवां, छिलपा, जैतहरी, धनगवां, वेंकटनगर एवं सिंघौरा उपार्जन केन्द्रों पर लगभग १०० से अधिक किसान अपनी धान बेचने के इंतजार में उपार्जन केन्द्र में पड़े हुए है। देवगवां उपार्जन केन्द्र की हालत सबसे गंभीर बनी हुई है, जहां लगभग १०० से अधिक ट्रेक्टर वाहन धान लोड कर उपार्जन केन्द्र परिसर के बाहर खड़ी है। जबकि जैतहरी उपार्जन केन्द्र में बारदाने नही होने के कारण किसान बारदाने के इंतजार में केन्द्र में अपनी धान लिए बैठे है। इसी तरह वेंकटनगर, सिंघौरा, धनगवां में भी किसानों की धान खरीदी अभी भी जारी है। विभाग का कहना है कि अब भी लगभग आधा दर्जन उपार्जन केन्द्र पर किसान धान बेचने की राह देख रहे हैं। लेकिन उनके पास शासन द्वारा किसानों से खरीदी करने सम्बंध में कोई अनुमति आदेश नहीं आया है। जिसे लेकर अब विभाग असमंजस्य की स्थिति में घिर गई है। विभाग का कहना है कि पूर्व में दिए आश्वासन में अब कैसे उन्हें वापस लौटा दिया जाए। बावजूद जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी और नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रबंधकों ने उपार्जन केन्द्रो का निरीक्षण तक करना उचित नहीं समझा। विदित हो कि विभाग ने २० जनवरी की मध्यरात्रि तक पोर्टल की खराबी के बावजूद तौलाई से ९०६ किसान वंचित रह गए थे, जिनके पास ११५४४९ बोरियां थी, जबकि दूसरी ओर धान बेचने आए १३६२ ऐसे किसान रहे जिनकी धान तौलाई हो चुकी थी, लेकिन पोर्टल से पर्ची नहीं निकल सकी। तौल हुई धान लगभग ५१८५० क्विंटल रही। इस सम्बंध में खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा प्रस्ताव शासन को भेजा गया और खरीदी की अनुमति मांगी। लेकिन खरीदी की तिथि समाप्त हुए दो दिन बीत गए हैं, शासन ने प्रस्ताव पर अबतक मुहर नहीं लगाई ह।
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