जिले के 574 गांवों के लिए मात्र 137 हाई और हायरसेकेंडरी स्कूल
उच्च शिक्षण संस्थानों की कमी से जूझ रहा चारो विकासखंड, पुष्पराजगढ में मात्र 44 हाईस्कूल और हायरसेकेंंडरी स्कूल
जिले के 574 गांवों के लिए मात्र 137 हाई और हायरसेकेंडरी स्कूल
अनूपपुर। जिले में उच्च शिक्षण संस्थानों की कमी के कारण बच्चों को उच्च शिक्षा की पढ़ाई नहीं उपलब्ध हो पा रही है। अनूपपुर जिले के ५७४ ग्रामों में उच्च शिक्षा के लिए मात्र १३७ हाईस्कूल और हायरसेकेंडरी स्कूल है। इनमें कई स्कूल ऐसे भी हैं जो हाईस्कूल से उन्नयनित होकर हायरसेकेंडरी स्कूल में तब्दील हो गई है। लेकिन व्यवस्थाएं उन्नयनित नहीं हो सकी, हाईस्कूल जैसी ही बनी रही। इसके कारण यहां स्कूल तो संचालित हुए, लेकिन शिक्षा का स्तर उंचा नहीं उठ पाया। यहीं नहीं प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। जिले के चारों विकासखंड में ५७४ गांवों के लिए मात्र ११६१ प्राथमिक और ३९३ माध्यमिक स्कूल है। यानि दो गांवों के बीच एक माध्यमिक स्कूल शिक्षण संस्थान संचालित कराई जा रही है। जबकि पांच कक्षाओं वाली ११६१ प्राथमिक विद्यालय एकाध शिक्षकों के भरोसे संचालित हो रही है, जहां कक्षाएं पांच तो हैं लेकिन शिक्षकों के अभाव में कक्षाएं एक भी पूरी नहीं हो पा रही है। इनमें सबसे दयनीय स्थिति पुष्पराजगढ़ विकासखंड की बनी हैं, जहां २६९ गांवों के लिए ५३८ प्राथमिक, १५४ माध्यमिक स्कूल है। जबकि २० हाईस्कूल और २४ हायर सेकेंडरी स्कूल हैं। जानकारों के अनुसार तीन विकासखंड अनूपपुर, कोतमा और जैतहरी की सामूहिक क्षेत्रफल से अधिक पुष्पराजगढ़ विकासखंड के लिए उच्च शिक्षण के नाम पर शिक्षा विभाग द्वारा मात्र कागजी व्यवस्था अपनाई गई है। जिसकी आवाज के लिए स्थानी जनप्रतिनिधियों ने भी चुप्पी साध रखी है। इसके लिए कभी आवाज नहीं उठाया। परिणाम यह है कि यहां कॉलेजी शिक्षा के लिए भी पूरे विकासखंड में मात्र दो कॉलेज स्थापित हैं। जबकि जिले में लगभग १ लाख ३८ हजार छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। शिक्षा विभाग की जानकारी के अनुसार वर्तमान में उपलब्ध शिक्षण संस्थाएं भौगोलिक स्थिति और छात्रों की संख्या के आधार पर अपर्याप्त है। इनमें सबसे अधिक कमी हाईस्कूल और हायरसेकेंडरी स्कूलों की बनी हुई है। हाईस्कूल की संख्या सबसे कम है। आंकड़ोंं के अनुसार देखा जाए तो ५७४ गांवों के लिए ५८ हाईस्कूल यानि १० गांवों पर एक हाईस्कूल शिक्षण संस्थान हैं। यही स्थिति हायरसेकेंडरी स्कूलों की बनी हैं, जहां मात्र ७९ हायरसेकेंडरी स्कूल हैं। इनमें एक शिक्षण संस्थान हाईस्कूल परिसर में ही हायरसेकेंडरी के रूप मेंं संचालित हैं। इसमें सबसे अधिक छात्र-छात्राओं को परेशानी होती है।
बॉक्स: दूरी और असुरक्षा में छात्राएं छोड़ रही उच्च शिक्षण संस्थान
जिले में हाई स्कूल और हायरसेकेंडरी स्कूलों की व्यवस्थाओं को देखा जाए तो अनूपपुर विकासखंड में ३१ ग्राम पंचायतों के लिए १६ हाईस्कूल और १३ हायरसेकेंडरी स्कूल कुल २९, जैतहरी में ८१ ग्राम पंचायतों के लिए १५ हाईस्कूल और ३३ हायरसेकेंडरी स्कूल कुल ४८, कोतमा में ३१ ग्राम पंचायतों के लिए ७ हाईस्कूल और ९ हायरसेकेंडरी स्कूल कुल १६ तथा पुष्पराजगढ़ विकासखंड के ११९ ग्राम पंचायतों के लिए २० हाईस्कूल और २४ हायरसेकेंडरी स्कूल हैं। इनमें जैतहरी और पुष्पराजगढ़ में हाईस्कूल संस्थानों की सबसे अधिक कमी है, जो किसी भी छात्र-छात्राओं के भविष्य की आधारशिला शिक्षण संस्थान मानी जाती है। लेकिन ८-१० गांवों की दूरी तय कर शिक्षा प्राप्त करने की विवशता में किशोरी छात्राएं माध्यमिक शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा से दूरी बना लेती है।
वर्सन:
जिले में उच्च शिक्षण संस्थानों की कमी है। शासन की गाईड लाइनों के आधार पर हाईस्कूल और हायरसेकेंडरी स्कूलों को स्थापित किया जाता है।
डीएस राव, सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग अनूपपुर।
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