क्षेत्रीय विकास में अहम योगदान दे सकती हैं ग्रामीण महिलाएं
आईजीएनटीयू में कस्तूरबा गांधी के 150वें जन्म दिवस पर कार्यक्रम, ग्रामीण महिलाओं में उद्यमशीलता के विकास पर जोर
क्षेत्रीय विकास में अहम योगदान दे सकती हैं ग्रामीण महिलाएं
अनूपपुर। त्याग और निष्ठा की प्रतिमूर्ति कस्तूरबा गांधी के 150वें जन्म दिवस के अवसर पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय के तत्वावधान में आयोजित सेमीनार और वर्कशॉप में ग्रामीण महिलाओं की क्षेत्रीय विकास में भूमिका को अहम बताते हुए उनमें उद्यमशीलता के विकास पर बल दिया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय ने ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। सतत अधोसंरचना, सेवा और ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए निदेशक (अकादमिक) प्रो. आलोक श्रोत्रिय ने कहा कि कस्तूरबा गांधी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ कदम दर कदम मिलाकर ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में स्वयं का अहम योगदान दिया। स्वयं के त्याग से उन्होंने देश की ग्रामीण महिलाओं को निरंतर आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहित किया। उनका कहना था कि महात्मा गांधी ने स्वराज की संकल्पना की थी, जिसमें सभी से मन, इंद्रियों, चरित्र और नैतिक मूल्यों पर नियंत्रण रखते हुए प्रगति पथ पर निरंतर आगे बढऩे की प्रेरणा दी गई थी। इसमें भारतीय संस्कृति को समेटे ग्रामीण क्षेत्र का अहम स्थान था जिसके लिए उन्होंने ग्रामीण महिलाओं को केंद्र में रखकर उन्हें उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित किया। प्रो. श्रोत्रिय ने ग्रामीण महिलाओं के साथ निरंतर संवाद कर उनके द्वारा बनाए जाने वाले उत्पादों को विश्वविद्यालय के माध्यम से बाजार तक पहुंचाने में हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इससे पूर्व डीन प्रो. संध्या गिहर ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से ग्रामीण महिलाओं के साथ जुडऩे और उनके साथ संवाद कायम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ. पूनम शर्मा ने कस्तूरबा गांधी को त्याग और निष्ठा की प्रतिमूर्ति बताया। कार्यक्रम में लालपुर की ग्राम प्रधान कलावती, पेंड्रा रोड से डॉ. पैकरा सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाओं और जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से ग्रामीण महिलाओं को उद्यमिता विकास, कृषि संबंधी कार्य, स्वच्छता और स्वास्थ्य के संबंध में जागरूक किया गया। इस अवसर पर विभिन्न शोधार्थियों ने अपने शोधपत्र भी प्रस्तुत किए। इस अवसर पर डॉ. एमटीवी नागाराजू, डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार राउत, डॉ. शिखा बनर्जी, देवी प्रसाद सिंह, डॉ. रमेश एम, मारिया जोसफाइन अरोकिया मारिया एस, डॉ. अरूण कुमार और डॉ. सेमसन आर विक्टर सहित बड़ी संख्या में शिक्षक और छात्र उपस्थित रहे।
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