अनूपपुर। मौसम में लगातार परिवर्तन होने से मौसमी संक्रमण से लोग अधिक प्रभावित हो रहे हैं। जिसके कारण जिला अस्पताल में रोजाना तीन सैकड़ा से अधिक लोग इलाज के लिए ओपीडी पहुंच रहे हैं। इनमें सर्दी-खांसी, बुखार सहित पेट सम्बंधित बीमारियों से पीडि़त अधिक मरीज है। इनमें रोजाना ३०-३५ मरीज भी इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं, जिसके कारण मरीजों के लिए उपलब्ध बिस्तरों का अभाव बन गया है। हालात यह है कि अब मरीज बरामदे पर ही लेट कर इलाज को विवश है। अस्पताल के प्रथम तल और वार्ड में मरीज जमीन पर चिकित्सक मरीजों का इलाज कर रहे हैं। इसमें मरीजों के साथ चिकित्सकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। चिकित्सकों ने बताया कि वर्तमान में मौसमी सीजन के पिक सीजन के कारण मरीजों की संख्या बढ़ गई है। साथ ही परिजनों के साथ होने से इलाज में भी परेशानी आ रही है। इस सम्बंध में सीएमएचओ और जिला अस्पताल सिविल सर्जन को जानकारी दी गई है। बताया जाता है कि पूर्व की बिल्डिंग में ही विभिन्न वार्डो के क्रियान्वयन के कारण सामान्य मरीजों की भर्ती वार्ड की संख्या नहीं बढ़ सकी है। जिसके कारण वर्तमान में भी ७० बिस्तर ही मरीजों के लिए उपलब्ध है। जिसपर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। बॉक्स: १३० बिस्तरों की घोषणा, मात्र ७० उपलब्धबताया जाता है कि जिला अस्पताल के विस्तारीकरण में इस ३० बिस्तरी स्वास्थ्य केन्द्र को १३० बिस्तरों के जिला अस्पताल के लिए रूप में घोषित किया। लेकिन यहां मरीजों के लिए बिस्तरों की संख्या १३० नहीं बनाई जा सकी। ७०-७५ बिस्तरों की व्यवस्था है। चिकित्सक बताते हैं कि यह सिर्फ मौसमी सीजन के दौरान ऐसी अव्यवस्था बनती है, लेकिन अन्य समय आधे बिस्तर खाली ही रहते हैं। वैकल्पिक व्यवस्था में गद्दे रखे जाते हैं, जिसमें बरामदे पर लगाकर उन्हें स्वास्थ्य लाभ दिया जाता है। बॉक्स: नए भवन के बाद बढ़ जाएगी सुविधासीएमएचओ डॉ. एससी राय बताते हैं कि नए भवन का कार्य तेजी से चल रहा है, नए भवन के बाद मरीजों के लिए २०० बिस्तर उपलब्ध हो जाएंगे। इसके अलावा अन्य संसाधनों की उपलब्धता होगी। ६.३२ करोड़ की लागत से बनाई गई ट्रामा सेंटर, लैब बिल्डिंग और मेटरनिटी बिल्डिंग में वार्ड व्यवस्थित नहीं बन सके। वर्तमान में ट्रामा सेंटर जांच और कोविड आइसोलेशन वार्ड के रूप में परिवर्तित है। लैब बिल्डिंग में सिविल सर्जन कार्यालय संचालित किया जा रहा है। जबकि मेटरनिटी बिल्डिंग पूरी तरह से जच्चा और बच्चा के लिए बनाया गया है। पुराने शेष वार्ड में पर्याप्त जगह नहीं है, जिससे बिस्तरों को बढ़ाया जा सके।[typography_font:18pt;” >—————————————————-