संदिग्धावस्था में खदान में काम करते मजदूर की मौत, डॉक्टर ने सर्प दंश की जताई आशंका
सूचना पर नहीं पहुंचा एम्बुलेंस वाहन
संदिग्धावस्था में खदान में काम करते मजदूर की मौत, डॉक्टर ने सर्प दंश की जताई आशंका
अनूपपुर। जिला मुख्यालय अनूपपुर से सटे सीतापुर गांव में संचालित सोन नदी रेत खदान में रविवार १४ मार्च की सुुबह २२ वर्षीय गोलू सिंह पिता मंगलू सिंह निवासी ढीमरानटोला मेडियारास चचाई की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। घटना के बाद काम कर रहे मजदूरों ने बेहोश गोलू सिंह को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन यहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस मर्ग कायम कर मामले की जांच कर रही है। बताया जाता है कि सोननदी रेत में सुबह ९.३० के आसपास खदान में काम के दौरान खदान में खड़ी डम्फर को मुंशी ने वहां से हटाने के निर्देश दिए थे। वहीं काम कर रहा गोलू रेत उठाने वाली तसला को उठाने झुका और जमीन पर गिर पड़ा। जिसके बाद वहां काम कर रहे १०-१५ मजदूरों ने उसे उठाकर खदान से उपर लेकर आए, चेहरे पर पानी डालकर होश लाने का प्रयास किया। वहीं इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाने एम्बुलेंस १०८ को सूचना दिया। लेकिन एम्बुलेंस १०८ वाहन नहीं पहुुंची। जिसके बाद मजदूरों ने लगभग १० बजे बेहोश गोलू को डम्फर वाहन में लादकर जिला अस्पताल पहुंचे। लेकिन यहां डॉक्टरों ने प्राथमिक जांच में ही मृत घोषित कर दिया। अस्पताल की सूचना पर पुलिस ने शव का पंचनामा तैयार कराते हुए पीएम उपरांत परिजनों को सौंप दिया। मामले में पीएम कर रहे चिकित्सक डॉ. हरिशंकर वस्त्रकार ने बताया कि आशंका है कि मृतक की मौत सर्पदंश से हुई होगी। क्योंकि जांच के दौरान मृतक के बाएं पैर में सर्प दंश के निशान पाए गए हैं। साथ ही हथेली का रंग स्याह हो गया था। डॉक्टर के अनुसार आशंका है कि मौत से पूर्व किसी जहरीले सर्प ने मृतक को डंसा होगा, लेकिन मृतक को इसका आभास नहीं हुआ। हालांकि उन्होंने पीएम रिपोर्ट के उपरांत ही मौत के सही कारणों की जानकारी सामने आने की बात कही। हालंाकि सर्पदंश के अधिकांश प्रकरण में मुंह से झाग भी आते हैं। मृतक के मामा हरि सिंह ने बताया कि गोलू को पूर्व में कोई बीमारी नहीं था।
बॉक्स: गोलू के नाम रेत निकासी पर्चा
घटना के बाद एक रेत निकासी पर्चा भी सामने आया है। जिसमें गोलू नाम से १४ मार्च की पर्ची बनी हुई है। इसमें वाहन क्रमांक एमपी ६५ जीए २५३२ समय ९.३२ लिखा हुआ है। पर्ची के बाद यह बात आम चर्चा हो गई कि आखिर गोलू खदान में काम करने वाला मजदूर था तो उसके नाम से पर्ची कैसे बन गई। वहीं यह भी आशंका है कि अन्य गोलू नाम के व्यक्ति से भी पर्ची हो सकी है। फिलहाल पूरा मामला संदिग्ध नजर आ रही है।
बॉक्स: खदान में दो की मौत
१४ मार्च को सीतापुर रेत खदान में दूसरी मौत के रूप मे गोलू सामने आया है। इससे पूर्व भालूमाड़ा रेत खदान में रेत माफियाओं द्वारा बिना स्वीकृत रेत खदान से रेत के अवैध परिवहन करने के दौरान ट्रेक्टर वाहन के पलटने से चालक की मौत हो गई थी। जिसमें अबतक पुलिस, खनिज और वनविभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
वर्सन:
खदान में काम करते हुए उसकी मौत हुई है। पीएम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारण स्पष्ट हो पाएंगे। जरूरत पड़ी तो बिसरा जांच के लिए भी भेजा जाएगा।
कीर्ति बघेल, एसडीओपी अनूपपुर।
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