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अनूपपुर

समय पर नहीं पहुंचे शिक्षक तो छात्रों ने स्कूल में जड़ दिया ताला

दोपहर पहुंचे अतिथि शिक्षक ने फटकार कर खुलवाई कक्षाएं, रोजाना दोपहर में खुल रहा स्कूल

अनूपपुरSep 08, 2018 / 05:51 pm

ayazuddin siddiqui

Teachers did not arrive on time, students locked in school

समय पर नहीं पहुंचे शिक्षक तो छात्रों ने स्कूल में जड़ दिया ताला

अनूपपुर. जनपद पंचायत अनूपपुर के ग्राम पंचायत सेमरा के शासकीय हाई स्कूल में शिक्षकों की मनमानी में ७ सितम्बर स्कूली छात्र-छात्राओं ने शिक्षकों की अनुपस्थिति में कक्षा में ताला जड़ दिया। स्कूल में ताला लगने की सूचना में आनन फानन में दोपहर 12 बजे पहुंचे अतिथि शिक्षकों ने छात्र-छात्राओं को फटकार लगाकर कक्षाएं खुलवाई। लेकिन इस दौरान स्कूल में प्राचार्य सहित तीन अन्य अतिथि शिक्षक गायब नजर आए।
छात्र-छात्राओं का आरोप है कि शिक्षक रोजाना ही दोपहर को स्कूल पहुंचते हैं और प्राचार्य कभी स्कूल ही नहीं आते। जिसके कारण स्कूल में पढ़ाई भगवान भरोसे चलता है। विद्यार्थियों का कहना था कि ताला रोजाना सुबह स्कूली बच्चों द्वारा ही खोला जाता है और साफ -सफाई भी छात्र छात्राओं से करवाई जाती है। स्कूल में सुरक्षा का अभाव है स्कूल का मुख्य गेट टूटा हुआ है। स्कूल में गणित विषय के शिक्षक नहीं होने के कारण गणित विषय की पढ़ाई ही नहीं होती है।
जबकि विषय की जानकारी के अभाव में गलत जबाव पर कुछ शिक्षकों के द्वारा उनके बाल पकड़ पिटाई भी की जाती है कर उनके साथ मारपीट तक की जाती है। जानकारी के अनुसार हाईस्कूल सेमरा में 1 प्राचार्य सहित 5 अतिथि शिक्षक है, जहां लगभग 124 बच्चे अध्ययरनरत है। लेकिन आश्चर्य हाईस्कूल के बाद भी दोपहर को कक्षाएं संचालित की जा रही है। उल्लेखनीय है कि यहां के शिक्षकों को लेटलतीफी की आदत की पड़ चुकी है। जिसके कारण न तो स्कूल समय पर खुलता है और न ही बच्चों की पढ़ाई ही सुचारू रूप से हो पा रही है। इस सम्बंध में बच्चों का कहना है कि स्कूल में मात्र हाजरी लगाई जा रही है और खानापूर्ति के लिए पढ़ाई भी कराई जा रही है, लेकिन उससे उनका भविष्य नहीं सुधरने वाला। बच्चों ने कहा कि अगर यही आलम रहना है तो वे फिर स्कूल क्यों आएं। घर पर ही अपनी पढ़ाई करें और परीक्षा की तैयारी करें। बताया गया कि कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं जो आए दिन किसी न किसी कार्यवश स्कूल से गायब भी रहते हैं।
चंदे से स्कूल की सफाई व्यवस्था
स्कूल परिसर की सफाई में निकलने वाले कचरे के लिए डस्टबिन व झाड़ू तक की व्यवस्था नहीं है। स्कूली छात्र छात्राओं के द्वारा चंदा करके झाडू और डस्टबीन की खरीदी की जाती है। जबकि पिछले वर्ष की छात्रवृत्ति अबतक नहीं मिल पाई है।

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