मझले भाई ने इपीएफ और बैंक लोन से खड़ा किया था गैराज, शराब और जुआ में बिगड़ गया छोटा भाई का व्यवहार
छह माह से बैंक का नहीं चुकाया था किस्त, हत्यारे के खिलाफ मामला दर्ज
मझले भाई ने इपीएफ और बैंक लोन से खड़ा किया था गैराज, शराब और जुआ में बिगड़ गया छोटा भाई का व्यवहार
अनूपपुर। जैतहरी थाना क्षेत्र के धनगवां ग्राम पंचायत के पिपराहाटोला में २६ नवम्बर की सुबह १.३० बजे के करीब घर में सो रहे बड़े भाई सहित पत्नी और भतीजी के उपर पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने और खुद भी फांसी लगाकर खुदकुशी करने के मामले में पुलिस ने हत्यारे मृतक दीपक विश्वकर्मा के खिलाफ आगजनी, हत्या का प्रयास और हत्या का मामला दर्ज किया है। वहीं पुलिस ने मझले भाई चेतराम विश्वकर्मा के बयान भी दर्ज किए है। थाना प्रभारी केके त्रिपाठी के बताया कि प्राथमिक विवेचना में यह बात सामने आई कि मृतक दीपक विश्वकर्मा शराब पीने का आदी हो गया था। गैराज से अच्छी कमाई होने के कारण वह जुआ खेलने भी लगा था। जिसके कारण गैराज के अधिकांश पैसे उसके शराब और जुआ में खर्च हो जाते थे। जिसके कारण वह लगभग पिछले छह माह से बैंक के लोन का किस्त भी नहीं चुकाया था। थाना प्रभारी के अनुसार लॉकडॉउन के दौरान उसका मझला भाई चेतराम परदेश से वापस लौटा था तो अपने साथ ईपीएफ का २ लाख रूपए लेकर लौटा था, जहां छोटे भाई को रोजगार मुहैया कराने अपने ईपीएफ के पैसे के साथ बैंक से ३ लाख का लोन लेकर दीपक के लिए गैराज खुलवाया था। दीपक बेहतर मेकेनिक होने के कारण दुकान अच्छी चलती थी। लेकिन उसका एक पैसा भी वह घर के खर्च के लिए नहीं देता था, और घर में खाने-पीने सहित अन्य छोटी-छोटी बातों को लेकर घर के सदस्यों से विवाद करता था। जिसका परिणाम यह रहा कि २१-२२ नवम्बर को किस्त के पैसे के लिए भाईयों द्वारा लगाई गई फटकार में उसने अपने बड़े भाई ४४ वर्षीय ओमकार विश्वकर्मा, ४२ वर्षी भाभी कस्तूरियाबाई विश्वकर्मा और १७ वर्षीय भतीजी निधि विश्वकर्मा को सोती अवस्था में ही घर में पेट्रोल डालकर उसे जिंदा जला दिया और खुद मानसिक अस्थिता में अपने कमरे में फांसी लगाकर खुदकुशी भी कर ली।
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