बर्फ की परत और कड़ाके की ठंड के बीच मैकाल पहाड़ी की वादियों का लुफ्त उठा रहे सैलानी
अमरकंटक की वादियों में देशी व विदेशी पर्यटकों की उमड़ रही भीड़
बर्फ की परत और कड़ाके की ठंड के बीच मैकाल पहाड़ी की वादियों का लुफ्त उठा रहे सैलानी
अनूपपुर। जिले की पहचान अमरकंटक की नर्मदा उद्गम के साथ मैकाल पहाडिय़ों के बीच मनोहारी वादियों में अब जैसे जैसे कड़ाके की ठंड पड़ रही है, वैसे वैसे देशी व विदेशी पर्यटकों की भीड़ मनोहारी लुफ्त का आनंद लेने उमड़ रही है। दिसम्बर माह के दौरान लगातार बर्फ की परत जमने तथा गलन भरी ठंड के बावजूद लगभग २ लाख ९५ हजार से अधिक पर्यटकों व श्रद्धालु अमरकंटक पहुंचे। अनेक धार्मिक मान्यताओं में समाहित नर्मदा व औषधीय जूड़ी-बूटियों के लिए प्रसिद्ध यह धरोहर स्थानीय पर्यटकों के साथ साथ विदेशी पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र बनता जा रहा है। यहीं कारण है कि पिछले वर्ष यहां लगभग २८ लाख ६० हजार से अधिक देशी पर्यटक और ४५ विदेशी पर्यटक अमरकंटक दर्शन करने पहुंचे। नगरपरिषद अमरकंटक का कहना है कि यहां खासकर जनवरी, मार्च, अगस्त के साथ विंटर सीजन नवम्बर और दिसम्बर माह के दौरान अधिक दर्शनार्थियों की भीड़ जुटती है। धार्मिक स्थली के कारण खासकर मकर संक्रांत, नर्मदा जयंती, महाशिवरात्रि, श्रावणी सोमवार, नवरात्रि, और नए साल के मौके पर पर्यटकों की तादाद अन्य माह की अपेक्षा अधिक पहुंचता है। यहीं कारण है कि हिन्दू धार्मिक स्थल के साथ धार्मिक मान्यताओं में बारहों मास यह नगरी पर्यटकों व श्रद्धालुओं से भरी रहती है। यहां मुख्य रूप से धुनी पानी, दूधधारा, सोनमुड़ा, माई की बगिया, कपिलधारा, कबीर चबूतरा, सर्वोदय जैन मंदिर, श्रीयंत्र मंदिर, सहित अन्य महत्वपूर्ण स्थल है। वहीं आयुर्वेदिक जड़ी-बटी पौधों में गुलबकावली, ब्राह्मनी, जटाशंकरी, सफेद मूसली, काली मूसली, जटामानसी, भालूकंद, अमलताश, सर्पगंधा, भोगराज, जंगली हल्दी, श्याम हल्दी सहित हर्रा, बहेरा और आवंला भरपूर क्षेत्र माना जाता है।
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