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अनूपपुर

डेटा साइंस और बिग डेटा एनालिटिक्स पर आरम्भ हुआ प्रशिक्षण

आईजीएनटीयू में स्टूडेंट्स फीडबैक वेबपेज का हुआ लोकार्पण, छात्र दे सकेंगे उपयोगी सुझाव

अनूपपुरAug 28, 2019 / 07:46 pm

Rajan Kumar Gupta

Training started on data science and big data analytics

डेटा साइंस और बिग डेटा एनालिटिक्स पर आरम्भ हुआ प्रशिक्षण

अनूपपुर। डेटा साइंस और बिग डेटा एनालिटिक्स के बारे में शिक्षकों, शोधार्थियों और छात्रों को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में सोमवार से दस दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) प्रारंभ हुआ। इस अवसर पर प्रमुख शिक्षाविदों और विशेषज्ञों ने अनुसंधानकर्ताओं से असीमित डेटा के अनुप्रयोग से भविष्य की चुनौतियों का समाधान खोजने का आह्वान किया। प्रमुख डेटा साइंटिस्ट और मिजोरम सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. केआरएस संबासिवा राव ने कहा कि युवा पीढ़ी नई तकनीक के प्रयोग से असीमित डेटा उत्पन्न कर रही है। सोशल मीडिया पर क्या पसंद है और क्या नहीं, इससे संबंधित करोड़ों लोगों का डेटा प्रतिदिन एकत्रित किया जा रहा है। इसके साथ ही जनगणना, आधार कार्ड और विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं भी बड़ी संख्या में डेटा प्रदान कर रहे हैं। इस डेटा का यदि वैज्ञानिक अनुसंधान करके अनुप्रयोग किया जाए तो इससे कई कल्याणकारी जानकारियां प्राप्त की जा सकती हैं। इस दिशा में डेटा प्रबंधकों और वैज्ञानिकों का महत्वपूर्ण दायित्व होगा। उन्होंने जीनोम सिक्केसिंग का जिक्र करते हुए आईजीएनटीयू के वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि वे अमरकटंक में पाई जाने वाले पौधों की प्रजातियों का डेटा एकत्रित कर भविष्य के अनुसंधान का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। कुलपति प्रो. टीवी कटटीमनी ने कहा कि विज्ञान और तकनीक निरंतर बदल रहे हैं। नए शोध ने नित नई आवश्यकताओं को जन्म दिया है। उन्होंने शोधकर्ताओं से स्वयं को निरंतर अद्यतन कर नई तकनीक को अपनाने का आह्वान किया। इससे पूर्व डीन प्रो. रविंद्रनाथ मनुकोंडा ने बताया कि एफडीपी में 50 से अधिक शिक्षक और शोधार्थी भाग ले रहे हैं। डीन प्रो. अजय वाघ ने कहा कि सोशल मीडिया से उत्पन्न हो रहे बिग डेटा के वैज्ञानिक अनुसंधान की जरूरत है। उनका कहना था कि यदि कल्याणकारी योजनाओं में डेटा एनालिटिक्स का प्रयोग किया जाए तो इसके और अधिक लाभ बढ़ाए जा सकते हैं। डॉ. एनश्रीनू ने प्रबंधकों से बिग डेटा के प्रबंधन की तकनीक को अपनाने का आह्वान किया जिससे एनालिटिक्स में मदद मिल सके। कार्यक्रम में डॉ. राहिल यूसुफ जई, डॉ. प्रीति गोस्वामी सहित अन्य विश्वविद्यालय स्टाफ मौजूद रहे। इस अवसर पर प्रो. कटटीमनी ने आईजीएनटीयू के सिस्टम एनालिस्ट अरविंद गौतम द्वारा तैयार किए गए स्टूडेंट्स फीडबैक पेज का लोकार्पण भी किया। विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध इस वेबपेज के माध्यम से छात्र अपनी समस्याओं और सुझावों को विश्वविद्यालय तक भेज सकेगे।
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