जमीन की उलझन में उलझा अनूपपुर का ट्रांसपोर्टनगर
चिह्नित स्थान पर बसाने नहीं हुई स्थायी तैयारी, सडक़ किनारे संचालित अघोषित ट्रांसपोर्ट वर्कशॉप
जमीन की उलझन में उलझा अनूपपुर का ट्रांसपोर्टनगर
अनूपपुर– शहर में भारी वाहनों के प्रवेश सहित उसके ठहराव के लिए ट्रांसपोर्टनगर बसाने की प्रक्रिया अब जमीनों के उलझन में उलझकर रह गई है। तीन साल से प्रशासन द्वारा चयनित किए गए दो स्थानों तिपान नदी पार शासकीय एकलव्य विद्यालय परिसर के पास तथा दूसरी चंदास नदी पार परसवार गांव के समीप की जमीनों में से एक को भी नगर बसाने की प्रक्रिया में नहंी शामिल किया जा सका है। जिसके कारण शहर की मुख्य मार्ग पर अस्थायी ट्रांसपोर्ट नगर जैसी अव्यवस्थाएं बनी हुई है। जबकि नगर में बढ़ती वाहनों की आवाजाही तथा उनकी मरम्मती के लिए सडक़ों पर ही खोले के गए वर्कशॉप ने वाहन चालकों के साथ आमलोगों की परेशानी बढ़ा दी है। सडक़ किनारे लगते वाहनों के कारण यातायात प्रभावित हो रही है। नगरवासियों का कहना है कि जिला मुख्यालय के मुख्य मार्ग पर अघोषित ट्रांसपोर्ट नगर के संचालन से निजात दिलाने दो वर्ष पूर्व ट्रांसपोर्ट नगर बसाने की प्रक्रिया अपनाई गई थी। जिसमें सुविधायुक्त स्थल उपलब्ध कराकर भीड़ वाले इलाकों से दूर भारी वाहनों की मरम्मत के साथ उनके ठहराव के लिए उचित व्यवस्था कराया जाता। इसकेे लिए नगर व ग्राम निवेश सहित नगरपालिका और शहरी विकास परियोजना विभाग द्वारा सोननदी पार आवसीय एकलव्य विद्यालय परिसर मार्ग पर तथा चंदास नदी पार परसवार ग्राम के निकट जमीनों को चिह्नित किए गए। लेकिन इन दोनों ही स्थान पर प्रशासकीय अधिकारियों द्वारा अबतक कोई निर्णय नहीं लिए जा सके हैं। इससे दिनोंदिन सडक़ पर भारी वाहनों का दवाब बढ़ता जा रहा है। सडक़ से गुजरते समय सडक़ के दोनों छोर पर खड़ी भारी वाहनों से दुर्घटना की सम्भावना बनी रहती है।
जानकारी के अनुसार मुख्य मार्गों के किनारे पर्याप्त जमीन के साथ शासकीय भूमि नहीं उपलब्ध होने के कारण पूर्व मेंं जिला प्रशासन ने अनूपपुर-अमरकंटक मार्ग पर ट्रांसपोर्ट नगर बसाने की योजना बनाई थी। जिसमें जिला प्रशासन का तर्क था कि अनूपपुर-जैतहरी के साथ अनूपपुर-अमरकंटक, व अनूपपुर-कोतमा के अलावा अनूपपुर-शहडोल से आने वाली भारी वाहनों के लिए यह स्थल उपयुक्त होगा। साथ ही उनके बायपास मार्ग के साथ शहर की भीड़भाड़ से अलग रखी जा सकेगी। लेकिन नगरपालिका ने जमीन नहीं उपलब्ध होने की बात कह अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया। जिसके बाद प्रशासन ने स्वंय ही नपा व टाउन एंड कंट्र्री प्लानिंग विभाग के साथ मिलकर जमीन को चयनित किया है। लेकिन इन प्रक्रियाओं के बाद भी प्रशासन की पहल अधूरी रह गई है। माना जाता है कि चंदास नदी पार प्रस्तावित शासकीय भूमि अब अतिक्रमण की चपेट में समा रहा है, जिसे खाली कराने में नगरीय प्रशासन के पसीने उतर रहे हैं।
बॉक्स: इन स्थानों पर बन रहा स्थायी वर्कशॉप
अनूपपुर-कोतमा मुख्य मार्ग में सामतपुर तालाब से लेकर एक किलोमीटर दूर शीत भंडारगृह तक भारीवाहनों की मरम्मती का कार्य किया जाता है। जबकि अनूपपुर-अमरकंटक तिराहा के पास भी आधा सैकड़ा भारी वाहनों की मरम्मती के साथ उनका ठहराव किया जाता है। सडक़ के दोनों किनारे वाहनों की लगी कतार के कारण सकरी बनी सडक़ पर जाम लग जाता है।
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