दो घंटे की मूसलाधार बारिश में शहर की नालियां हो गई बेदम, निचले वार्डो में भरा पानी
मूसलाधार बारिश से शहर का जनजीवन हुआ प्रभावित बिजली की अघोषित कटौती से नगरवासी रहे परेशान
दो घंटे की मूसलाधार बारिश में शहर की नालियां हो गई बेदम, निचले वार्डो में भरा पानी
अनूपपुर। बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव तथा जबलपुर क्षेत्र से गुजर रही द्रोणिका के प्रभाव में ८ सितम्बर को अनूपपुर जिला मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश हुई। दोपहर १ बजे से ३ बजे तक लगातार झमाझम बारिश के सिलसिले में अनूपपुर नगरीय क्षेत्र पानी पानी हो गया। जगह जगह नालियां जाम होकर ओवरफ्लो होकर बहने लगी। अमरकंटक तिराहा, शिवमंदिर चौराहा, तहसीलद कार्यालय मार्ग, सामतपुर ढाबा अनूपपुर-कोतमा मार्ग, वार्ड क्रमांक ९ वार्ड क्रमांक १४ सहित जिला अस्पताल परिसर व अन्य स्थान पानी के भराव में तालाब जैसी नजर आने लगी। जिसके कारण इन मार्गो पर आवाजाही करने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। जबकि ढालयुक्त उंची स्थानों से पानी का बहाव तेजी से नगर के निचले वार्डो की ओर बना हुआ है। जिसके कारण सम्भावना है कि पूर्व की भांति कुछ निचले वार्ड जलभराव की समस्या से प्रभावित होंगे। इससे पूर्व २ सितम्बर को हुई बारिश में लगभग पूरा शहर का आधा से अधिक हिस्सा मूसलाधार की बारिश में जलमग्न हो गया था। इसके बाद भी नगरपालिका की लापरवाही मौसम विभाग की तेज बारिश की चेतावनी की घोषणा के बाद बनी रही। जिसका खामियाजा नगरवासियों को उठाना पड़ रहा है। इनमें सबसे अधिक परेशानी वार्ड क्रमांक १ अनूपपुर-कोतमा मार्ग ढाबा के रहवासियों को उठानी पड़ी। जहां मॉडल सडक़ पर लगभग आधा किलोमीटर दूर तक फीट भर मोटी पानी भर गया। पानी भरने के कारण यातायात प्रभावित रहा। बताया जाता है कि मॉडल सडक़ के दोनों किनारों पर बनी डेढ़ किलोमीटर लम्बी नालियां पूरी तरह जाम और क्षतिग्रस्त हालत में बनी है। जिससे पानी की निकासी नहीं हो पाता और हरेक बारिश के बाद जलभराव की स्थिति बन आती। अधीक्षक भू-अभिलेख विभाग अधिकारी एसएस मिश्रा के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बने दवाब के कारण अभी बारिश से निजात नहीं मिलेंगे। आसमान में काले बादलों के छाने तथा तेज बारिश की सम्भावनाएं बनी है। नगरवासियों का कहना है कि शहर के समस्त मार्ग निर्माणाधीन है, जहां पैसे के कारण अनूपपुर-चचाई मार्ग का निर्माण अटका और अधूरा है, वहीं अनूपपुर-अमरकंटक मार्ग भी अधूरे निर्माण के कारण खतरनाक बन गई है। जगह जगह कीचड़ सनी है, जहां वाहनों की निकासी और पैदल चलने के लिए जगह नहीं है। जबकि अनूपपुर-जैतहरी मार्ग आधी-अधूरी बनकर नगरवासियों के लिए मौत की डगर साबित हो रही है। मानसून से पूर्व जिला प्रशासन ने समस्त मार्गाे के निर्माण का आश्वासन दिया, लेकिन हालात जस की तस बनी रही।
बॉक्स: अघोषित बिजली कटौती से नगरवासी हुए हालाकान
एक ओर जहां बारिश की पानी ने नगर को त्रस्त किया है, वहीं सुबह ७ बजे दोपहर १२.३० बजे गुल रही अघोषित बिजली की कटौती ने नगरवासियों को हलाकान किया है। बिजली विभाग ने दोपहर नगर के कुछ ही हिस्से में बिजली की आपूर्ति बहाल की, जबकि आधा नगर शाम तक अंधेरे में गुम रहा। जिन वार्डो में बिजली आपूर्ति बहाल कराई गई, वहां रात तक हरेक आधा घंटा में गुल होता रहा। बताया जाता है कि विभाग द्वारा अनूपपुर-जैतहरी मार्ग पर ३३ केवी के लिए मेंटनेंस वर्क कराए जा रहे थे। बिजली की इस अघोषित कटौती के कारण सुबह नगरवासियों को जलापूर्ति नहीं हो सकी। वहीं नगरपालिका द्वारा की जानी वाली जलापूर्ति बिजली के अभाव में पूरी तरह बंद रही। जिसके कारण नगरवासियों को पानी की समस्या से जूझना पड़ा।
वर्सन:
सुबह से ही बिजली के गुल होने के कारण जलापूर्ति प्रभावित रही। बस्ती इलाके में अहले सुबह से जलापूर्ति की व्यवस्था बनाए जाने के कारण कुछ हद तक पानी आपूर्ति कराई जा सकी। शेष हिस्से प्रभावित रहे।
रामखेलावन राठौर, अध्यक्ष नगरपालिका अनूपपुर।
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