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पति की लम्बी आयु कामना लिए महिलाओं ने वट व पीपल का किया पूजन

locationअनूपपुरPublished: May 22, 2020 09:36:04 pm

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

पीपल वृक्षों के तनों में अक्षय सूत्र के 108 परिक्रमा लगाते हुए कामना के सूत्र बांधे

Women prayed for vat and peepal, wishing their husband a long life

पति की लम्बी आयु कामना लिए महिलाओं ने वट व पीपल का किया पूजन

अनूपपुर। वट सावित्रि व्रत में वट यानि बरगद के वृक्ष के साथ-साथ सत्यवान-सावित्रि और यमराज की पूजा की जाती है। माना जाता है कि वटवृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों ईष्टदेवों का वास होता है। वट वृक्ष के समक्ष बैठकर पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। शुक्रवार २२ मई को शनि जयंती और वट सावित्री पूजा के अवसर पर सुहागिन महिलाओं ने अपने पति की लम्बी आयु और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना लिए वट सावित्री का पावन व्रत किया। सुहागिन महिलाओं ने वट वृक्षों की पूजा अर्चना कर सत्यवान-सावित्री कथा के प्रसंग में पति की लम्बी आयु की कामना लिए ईष्टदेव से सदा सुहागन का आशीष मांगा। सुबह से ही महिलाओं ने निर्जला व्रत करते हुए नगर के मुख्य पीपल वृक्षों के तनों में अक्षय सूत्र के १०८ परिक्रमा लगाते हुए कामना के सूत्र बांधे। इस विधि में हर फेरे में महिलाओं ने अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए ईष्टदेव से मन्नते मांगी। महिलाओं ने जड़ों में फल-फूल चढ़ाकर हवन-धूप भी किया। मान्यता है कि इस दिन सौभाग्यवती स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु स्वास्थ्य और उन्नति और संतान प्राप्ति के लिए यह व्रत रखती हैं। ज्योतिष गणना के अनुसार इस वर्ष यह पर्व 22 मई दिन शुक्रवार को कृतिका नक्षत्र और शोभन योग में पड़ा है, जो ज्योतिषीय गणना के अनुसार उत्तम योग माना गया है। ज्येष्ठ अमावस्या तिथि का प्रारंभ 21 मई दिन गुरुवार को रात्रि 9 बजकर 35 मिनट पर हो रहा है जो 22 मई को रात्रि 11 बजकर 8 मिनट तक रहेगी। पसान, कोतमा, जैतहरी, बिजुरी, पसान में भी वट सावित्री व्रत और शनि जयंती के मौके पर सुबह से ही सुहागिन महिलाओं द्वारा मंदिरो एंव वृक्षों की परिक्रमा के साथ पूजा पाठ किया गया। पीपल, तुलसी सहित अन्य दूसरे वृक्षों में भी 108 फेरी लगाने के बाद मंदिर में पूजा अर्चना की गई। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पूजा करने का उद्देश्य पति की लम्बी आयु के साथ परिवारिक समृद्धि की कामना होती है।
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