करीलाधाम में लगने वाला यह मेला एमपी का सबसे बड़ा मेले है। यहां तीन दिनों से आस्था का जनसैलाब उमड़ रहा है। रंगपंचमी पर तो मानो यहां आनेवाले लोगों की बाढ़ सी आ गई। बताया जा रहा है कि इस दिन यहां 20 लाख से अधिक श्रद्धालु आए। रंगपंचमी के दिन न केवल मां जानकी की दर्शन और पूजा का महत्व बताया गया है बल्कि इस दिन यहां प्राचीन गुफा भी खोली जाती है। यह गुफा साल में केवल एक दिन रंगपंचमी पर ही खोली जाती है। यही कारण है कि लाखों लोग यहां आ गए।
करीला धाम मेला में रंगपंचमी के दिन लोग पहुंचने के लिए ऐसे बेताब थे कि एक दिन पहले से ही लाखों लोग आ गए थे। रास्ते में हजारों वाहनों की कतार लग गई थी। यहां आए लाखोें भक्तों ने लव-कुश के जन्म का उत्सव मनाया और मां जानकी के दर्शन किए। इस दौरान हजारों राई नृत्य हुए। रंगपंचमी पर यहां राई नृत्य की परंपरा है। बताते हैं कि इस बार यहां करीब 10 हजार राई नृत्य आयोजित किए गए।