MUST READ : प्रधान आरक्षक से मारपीट का वीडियो हुआ वायरल, लंबे समय से चल रहा है ग्रामीणों से विवाद
फिर से वहीं पदस्थ कर दिया
सोमवार को कलेक्टे्रट पहुंचकर संगठनों ने ज्ञापन दिए। भाजपा युवा मोर्चा ने कहा कि पुलिस ने पक्षपातपूर्ण कार्रवाई की है। प्रधान आरक्षक वाजिद वेग सिविल ड्रेस में संदिग्ध गतिविधियों में पकड़ा गया, जहां प्रधान आरक्षक ने ग्रामीणों से मारपीट की तो ग्रामीणों ने प्रधान आरक्षक से मारपीट कर दी। लेकिन पुलिस ने ग्रामीणों पर लूट व डकैती की धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया, जो गलत है। साथ ही कहा कि सांसद के कहने पर एसपी ने पहले तो प्रधान आरक्षक वाजिद वेग को कचनार थाने से हटा दिया, लेकिन चार दिन बाद ही फिर से वहीं पदस्थ कर दिया।
गैर कानूनी गतिविधियों में संलिप्त है
युवा मोर्चा ने ज्ञापन में आरोप लगाया कि वाजिद वेग कचनार थाने में छह साल से पदस्थ है, जो वहां गैर कानूनी गतिविधियों में संलिप्त है। विहिप ने अपने ज्ञापन में कहा कि पुलिस ने इस मामले में ऐसे लोगों को भी आरोपी बना लिया, जो मारपीट के दौरान मौके पर मौजूद नहीं थे।
आचरण के कारण विवादित रहा
पुलिसकर्मी अपने व्यवहार व आचरण के कारण विवादित रहा है और घटना के दौरान वर्दी में भी नहीं था। विहिप ने पुलिस पर निर्दोषों को फंसाने का आरोप लगाया। वहीं शाढ़ौरा में मुहर्रम के जुलूस के दौरान दुकान में तोडफ़ोड़ करने वाले युवक की वजाय दूसरे पर प्रकरण दर्ज करने का आरोप लगाया। इसके अलावा पिपरई थाना क्षेत्र ममें प्राचीन मंदिर की मूर्ति को खोदने के मामले में अब तक कार्रवाई नहीं हुई है।
न्यायालय ने दी तीन को जमानत-
इस मामले में पुलिस ने सात लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। जिनमें संग्रामसिंह यादव, लोकेश शर्मा और राजभानसिंह को न्यायालय ने सोमवार को जमानत दे दी है। एडवोकेट चंद्रशेखर साहू ने बताया कि न्यायालय ने पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई पर राहत देते हुए तीनों को जमानत दे दी है।