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अशोकनगर

मंदिर के सामने लगीं 100 दुकानों को हटाया और सफाई भी शुरू, लेकिन मिट्टी के पहुंच मार्ग बनेंगे परेशानी

करीला मेला: तैयारियों के लिए गंभीर नहीं अधिकारी, श्रद्धालुओं को करना पड़ेगा परेशानियों का सामना। 15 से 20 लाख श्रद्धालुओं की संख्या वाले इस मेले के लिए गंभीर नहीं दिख रहा प्रशासन, तैयारियों की मॉनीटरिंग भी नहीं। व्यवस्थाओं और सुधार के लिए बचे सिर्फ 10 दिन, फिर होली का त्यौहार होने से बंद हो जाएंगा तैयारियों का काम।

अशोकनगरMar 10, 2019 / 04:22 pm

Arvind jain

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मंदिर के सामने लगीं 100 दुकानों को हटाया और सफाई भी शुरू, लेकिन मिट्टी के पहुंच मार्ग बनेंगे परेशानी

अशोकनगर. करीला के रंगपंचमी मेले में जहां एक दिन में ही 15 से 20 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। इसके लिए मंदिर के सामने लगी 100 दुकानों को तो हटवा दिया गया, साथ ही पहाड़ी और मेला क्षेत्र की सफाई का काम भी शुरू हो गया है। लेकिन पहुंच मार्गों के सुधार पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। पहुंच मार्ग छह से सात किमी हिस्से में उखड़े हुए पड़े हैं, जिन्हें सिर्फ मिट्टी डालकर चौड़ा कर दिया गया है। इन्हीं रास्तों से श्रद्धालुओं से भरे हजारों वाहन निकलेंगे, इससे दुर्घटनाओं की आशंका नजर आ रही है। फिर भी जिम्मेदार प्रशासन इस पर कोई गंभीरता नहीं दिखा रहा है।

मां जानकी मंदिर में लवकुश का जन्मोत्सव मनाने के लिए रंगपंचमी पर तीन दिवसीय मेला आयोजित होना है। इसके लिए मंदिर के बाहर लगीं चाय-नाश्ता, बर्तन, पूजा-सामग्री सहित करीब 100 दुकानों को हटा दिया गया है। ताकि दुकानों का यह अतिक्रमण मेले में परेशानी न बन सके।

ट्रस्ट के अध्यक्ष महेंद्रसिंह यादव का कहना है कि सभी दुकानदारों को सात मार्च तक दुकानें हटाने का समय दिया गया था, वहीं उन्हें जनपद पंचायत ने मेला क्षेत्र में जगह आवंटित कर दी हैं जहां व अपनी दुकानें लगा सकें। इससे कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकानें हटा लीं, लेकिन जो दुकानें शेष रह गई थीं उन्हें भी हटवा दिया है।

वहीं मंदिर के सामने पहाड़ी पर सफाई का काम शुरू हो गया है। इसके लिए जिले के सभी नगरीय निकायों से सफाई कर्मचारी करीला भेजने के निर्देश कलेक्टर ने दिए थे, लेकिन सिर्फ मुंगावली और चंदेरी से ही सफाई कर्मचारी करीला पहुंचे। मेले के सफाई प्रभारी चंद्रप्रकाश तिवारी ने बताया कि शनिवार को मंदिर के सामने से हटी दुकानों की जगह को साफ कराकर कचरा और पत्थर हटाए गए हैं। वहीं अब मेले तक रोजाना पहाड़ी और मेला क्षेत्र की सफाई कराई जाएगी।

वायरलेस कैमरों से रखी जाएगी मेले पर नजर-
पिछले सालों में 22 सीसीटीवी कैमरों से मेले पर नजर रखी जाती थी, लेकिन इस बार सुरक्षा पर गंभीरता दिखाते हुए ट्रस्ट ने कैमरों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। ट्रस्ट अध्यक्ष ने बताया कि मंदिर के पास 16 सीसीटीवी कैमरे वायर वाले और छह वायरलेस कैमरे हैं, वहीं दो लाख रुपए की लागत से 20 नए वायरलेस कैमरे भी खरीदे जा रहे हैं। जिन्हें मेला क्षेत्र में लगाया जाएगा। वायरलेस कैमरे खरीदने का कारण यह है कि भीड़ की वजह से कई बार कैमरों की केबिल टूट जाती है और कैमरे काम करना बंद कर देते हैं। 20 नए कैमरे खरीदे जाने से मंदिर के पास स्वयं के 42 सीसीटीवी कैमरे हो जाएंगे।

दुर्घटना की आशंका: मिट्टी की सड़कों पर दौड़ेंगे वाहन-
करीला में करीब श्रद्धालुओं के करीब 50 हजार से अधिक वाहन पहुंचते हैं। लेकिन इस बार जहां बंगलाचौराहा-बमौरीशाला मार्ग और वीआईपी मार्ग का सात-सात किमी का हिस्सा उखड़ा पड़ा है और शासन से फंड न मिलने से इसका निर्माण नहीं हो सका। पीडब्ल्यूडी ने दोनों रास्तों की चौड़ाई बढ़ाकर 10 मीटर चौड़ा कर दिया है, लेकिन इन सड़कों को मिट्टी से तैयार किया गया है। इससे मेले के समय इस मिट्टी से वाहनों के निकलने से दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। वहीं बेलई-करीला मार्ग में भी गड्ढ़ों में मिट्टी भर दी गईं और साईड़ों का समतलीकरण अब तक नहीं हुआ। इससे सड़क के दोनों ओर गहरे गड्ढ़े हैं। इससे यहां भी मेले के समय दुर्घटना की आशंका नजर आ रही है।

समय: तैयारियों के लिए सिर्फ 10 दिन शेष-
रंगपंचमी मेले की तैयारियों के लिए मात्र 10 दिन ही शेष बचे हैं, इसके बाद होली का त्यौहार होने से कर्मचारी सीधे ही 23 मार्च को मेले की ड्यूटी पर पहुंचेंगे। जबकि अभी भी करीला में कई काम अधूरे पड़े हैं और कई जरूरी तैयारियों पर ध्यान नहीं दिया गया है। इससे इतने कम समय में तैयारियां पूर्ण होना मुमकिन नजर नहीं आ रहा है। फिर भी जिम्मेदार इस पर कोई गंभीरता नहंी दिखा रहे हैं।

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