फंस गए वाहन
नाराज किसान सड़क पर पहुंचे और ट्रेक्टर-ट्राली आड़े खड़े कर सड़क को जाम कर दिया। किसानों ने नारेबाजी भी की। धीरे-धीरे सड़क पर वाहनों की कतार बढ़ती चली गई। दोनों ओर सैंकड़ों की संख्या में वाहन फंस गए। जिनमें यात्री बसें भी शामिल थीं। बसों में बैठे यात्री भी परेशान होते रहे। कुछ वाहन चालकों ने खेतों में से वाहन निकालने का प्रयास भी किया।
अधिकारियों ने दी समझाईश
चक्काजाम की जानकारी लगते ही एसडीएम सुमनलता माहौर, तहसीलदार सूर्यकांत त्रिपाठी सहित पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। किसानों को समझाकर जाम खुलवाया गया। इसके बाद सभी केन्द्र पर पहुंचे। जहां समिति प्रबंधक नदारद थे। फोन लगाकर उन्हें बुलाया गया तो वे काफी देर बाद आए और सर्वेयर ने तो कॉल रिसीव ही नहीं किया। देर से आने पर एसडीएम ने समिति प्रबंधक को लताड़ भी लगाई। पहले से खड़े कुछ किसानों की ट्राली तौलने के निर्देश अधिकारियों द्वारा दिए गए।
ये लगाए आरोप
-सुबह से मैसेज तो भेज दिए लेकिन ट्रालियां नहीं तुलीं, कई किसानों के सेंपल फैल कर दिए।
-सर्वेयर दस मिनिट के लिए आया था और सेटिंग करके भाग गया।
-सेंपल में ज्यादा माल लिया जा रहा है। इसके बाद एसडीएम ने सेंपल चैक किए।
-पैसा लेने के अच्छा माल भी रिजेक्ट किया जा रहा है और पैसा देने पर खराब माल भी पास हो जाता है।
कल सुबह 10 बजे से आए हैं। लेकिन ट्राली अभी तक नहीं तुली है। सुबह से कोई भी कर्मचारी ट्राली तोलने को तैयार नहीं है। किसान परेशान हो रहे हैं। पीने का पानी तक नहीं मिल रहा है। सर्वेयर सुबह से गायब है और समिति प्रबंधक भी चले गए। जवाब देने वाला कोई नहीं है।
-जयपाल यादव, मुल्लाखेड़ी
जिस दिन मैसेज आता है उसी दिन ट्राली की तौल होनी चाहिए। वरना नाम हटा जाता है। कल के किसान निबटे नहीं, आज दूसरे आ गए। पूरी अव्यवस्थाएं फैली हुई हैं और प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। सर्वेयर केन्द्र पर मौजूद नहीं मिला। इसलिए आक्रोशित किसानों ने चक्काजाम किया।
-राजकुमार रघुवंशी, जिलाध्यक्ष भारतीय किसान संघ
कल रात को यहां पर आ गए थे। लेकिन सर्वेयर नहीं आ पाया। हमारे बाद जो ट्राली आईं उनको बाहर-बाहर गाड़ी रोकी और कह दिया कि इसकी सही है तौल दो। दलालों का बोलबाला है पैसे लेकर ट्राली तुल रही हैं। हम पहले से खड़े है तो हमारे पास पहले आना चाहिए था।
-भगवती प्रसाद, बांसापुर
सर्वेयर ने हमारा चना यह कहकर केंसिल कर दिया कि इसमें दाल है। चने में चने की दाल नहीं होगी तो क्या होगा। घर से फसल को साफ करके और छानकर लाए थे। अब कह रहा है कि दोबारा छानों, जबकि हमसे बुरा चना केन्द्र में पड़ा है। पैसे दे दो तो खरीद लेंगे नहीं तो अपने घर चले जाओ।
-सुरेश रघुवंशी, घटावदा