जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए पहले 35 खरीदी केंद्र बनाए गए थे, लेकिन पिछले साल से ढ़ाई गुना ज्यादा किसानों ने इस बार गेहूं का पंजीयन कराया तो खरीदी केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 48 कर दी गई। 25 मार्च से खरीदी शुरू होना थी, लेकिन तीन अप्रैल तक खरीदी शुरू नहीं हो सकी। खाद्य विभाग और नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों का कहना है कि किसानों के पास गेहूं तैयार नहीं हो सका है। पत्रिका ने जब पड़ताल की तो पता चला कि अशोकनगर मंडी में 25 मार्च से अब तक 6 2 हजार 6 15 क्विंटल नया गेहूं बिक चुका है। मंडी में 18 मार्च से नया गेहूं बिकना शुरू हो गया था और अशोकनगर मंडी में 18 मार्च से दो अप्रैल तक 78 हजार 48 1 क्विंटल गेहूं बिक चुका है। यह आंकड़ा सिर्फ एक मंडी का है, जबकि जिले में छह मंडियां हैं और यदि इस अवधि में सभी मंडियों का आंकलन करें तो अब तक जिले में एक लाख क्विंटल से ज्यादा गेहूं मंडियों में बिक चुका है। वहीं बुधवार को भी बड़ी संख्या में किसान गेहूं बेचने पहुंचे और इससे मंडियों में भारी भीड़ रही।
मंडी में अवैध वसूली शुरू हो गई है। किसानों का आरोप है कि कुछ किसान पहले से ही तिरपाल आदि बिछाकर जगह पर कब्जा कर लेते हैं, जो बाद में अन्य किसानों से 500 रुपए वसूलकर ट्रॉली लगवाते हैं। शिकायत पर मंडी सचिव सुधीर शिवहरे का कहना है कि मंडी में लाइन से वाहन लगवाने प्रवेश द्वार पर ही वाहनों को नंबर दिए जाएंगे और नंबर के आधार पर ही लाइन से ट्रैक्टर-ट्रॉली लगाए जाएंगे। किसानों का कहना है कि सरकारी खरीदी केंद्र पर गेहूं लेकर पहुंचने मैसेज आना भी शुरू नहीं हुए हैं। किसानों को उपज बेचना पड़ रही है।
ये बोले जिम्मेदार सभी खरीदी केंद्रों को निर्देश दे दिए हैं कि जो किसान खरीदी केंद्र पर पहुंचें उनका गेहूं खरीद लिया जाए। मैसेज भी भेजना शुरू कर दिया है और आज एक खरीदी केंद्र ने कुछ खरीदी भी कर ली है। चना, मसूर और सरसों का आज ही आदेश आया है, इसके लिए हमनें केंद्र बनाने का काम शुरू कर दिया है। जल्दी खरीदी शुरू हो जाएगी।
अनिल पाठक, जिला आपूर्ति अधिकारी अशोकनगर